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कांवरिया पथ पर मखमली अहसास

कांवरिया पथ पर मिलने वाली सुविधा का यह बताने को काफी है कि बिहार की सीमा कहां समाप्त होती है। मखमली

By Edited By: Published: Tue, 19 Jul 2016 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jul 2016 01:00 AM (IST)
कांवरिया पथ पर मखमली अहसास

कांवरिया पथ पर मिलने वाली सुविधा का यह बताने को काफी है कि बिहार की सीमा कहां समाप्त होती है। मखमली अहसास की आस जब पूरी होने लगती है तो भक्त हर हर महादेव का जयकारा लगाने लगते हैं। बोल बम रास्ता हुआ कम। झारखंड की सीमा में कदम रखते ही कोलकाता से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान भरोसे है बिहार की व्यवस्था। कंधे पर 90 किलो का कांवर उठाए इन भक्तों के पैर लड़खड़ा रहे थे। सोनू, प्रकाश एवं रवि बम ने कहा कि पांच सदस्यों की टोली है। पूर्णिमा के दिन बाबा पर जलार्पण करते हैं। दुम्मा से आगे कृत्रिम इंद्रवर्षा से गुजरते हुए कहा कि बिहार में कोई देखनेवाला नहीं है। यहां अच्छा लग रहा है। कांवरिया पथ पर जगह-जगह तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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मार्ग पर बिछा बालू, एलईडी लगी

अजगैबीनाथ से 90 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद बाबाधाम में कदम रखते ही भक्तों को सुखद अहसास कराने के लिए कांवरिया पथ पर बालू बिछाने से पहले उसे चाला जा रहा है। पथ पर बालू बिछाने के बाद मजदूर उसे चुन रहे हैं ताकि पांव में छाला न पड़ जाए। मार्ग पर लगी एलईडी दिन में भी जल रहे थे। सिंहस्थ मेला की तरह यहां भी बॉयोटायलेट बनाया जा रहा है। अस्थायी ओपी में पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी ने कामकाज संभाल लिया है। पर्यटन सूचना केंद्र भी बनकर तैयार है। उम्मीद की जा रही है कि 20 तक सभी व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी।


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