हिंदी के उत्थान में नरसिंह का अमूल्य योगदान
देवघर : शिक्षाविद् व सादगी की प्रतिमूर्ति स्व. नरसिंह पंडित का तिरोधान दिवस शनिवार को हिंदी विद्यापी
देवघर : शिक्षाविद् व सादगी की प्रतिमूर्ति स्व. नरसिंह पंडित का तिरोधान दिवस शनिवार को हिंदी विद्यापीठ के तिलोकचंद बाजला सभागार में समारोहपूर्वक मनाया गया। सबसे पहले उनकी तस्वीर पर मुख्य अतिथियों ने माल्यार्पण किया। मुख्य अतिथि डॉ. नागेश्वर शर्मा ने कहा कि नरसिंह पंडित का जीवन अनुकरणीय है। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनका जीवन समर्पित रहा। वह क्षमाशील व सहनशील व्यक्तित्व के धनी रहे। रमेश बाजला ने कहा कि उन्होंने विद्यापीठ में अपना अमूल्य योगदान दिया व हिंदी का अलख जगाए रखा। प्रो. रामनंदन सिंह ने कहा कि सादगी की प्रतिमूर्ति के साथ-साथ महान गुरू थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
विद्यापीठ के व्यवस्थापक एवं पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा ने कहा कि मेरे जीवन पर नरसिंह पंडित के आशीर्वाद और स्नेह का अमूल्य स्थान रहा। उनका जीवन ऋषितुल्य था। इसके अलावा शिक्षक श्याम किशोर सिंह व वार्ड पार्षद रीता चौरसिया ने भी अपने विचार साझा किए। धन्यवाद ज्ञापन व अध्यक्षीय भाषण डॉ. मोहनानंद मिश्र ने किया।
इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत 'श्री राम जय राम, जय-जय राम' भजन से विद्यापीठ के छात्रों इहुखो रोसे, पोसुत्सो डी वादेओ, लमनीन सिमल्हो, वेसालू रूमै, केहेपेउ केयहो, पदीकाम्ल्यु दाईमाई, लिवेत्सो मारूह, लोइसी चांगसन, जाचीखो शिजो ने किया। मौके पर कुलसचिव केशव नारायण झा, पूरण शंकर फलाहारी, मुनिंद्र पंडित, संजीव जजवाड़े, शैलजा देवी, मनमोहन झा, नीतिश द्वारी, डॉ. संजय खवाड़े, राजेंद्र मिश्रा, विश्वनाथ झा, प्रदीप सिंह देव आदि उपस्थित थे।