डोभा निर्माण कराना प्रशासन के लिए चुनौती
करौं (देवघर) : समूचे राज्य में जल संग्रह के उद्देश्य से डोभा का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए जि
करौं (देवघर) : समूचे राज्य में जल संग्रह के उद्देश्य से डोभा का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए जिला से लेकर प्रखंडस्तर पर लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। लक्ष्य पूरा नहीं होने पर कार्रवाई की बात भी कही जा रही है। इतना सबकुछ होने के बावजूद निर्धारित लक्ष्य हासिल करना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। जिला से प्रखंड को 600 डोभा निर्माण का लक्ष्य मिला हुआ है। वर्तमान में प्रखंड प्रशासन ने सारी शक्ति झोंक दी है। अन्य विकास कार्य को दरकिनार करते हुए सभी डोभा का लक्ष्य प्राप्त करने में जुटे हुए हैं। प्रखंड कार्यालय के अधिकारी गांवों का भ्रमण करके डोभा से होने वाले लाभ को गिना रहे हैं। इतना ही नहीं पंचायत कार्यकारिणी की बैठक में सभी वार्ड सदस्यों को पांच-पांच डोभा निर्माण का लक्ष्य दिया जा चुका है, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप कामयाबी नहीं मिल सकी है।
मिट्टी काटने में छूट रहा पसीना
प्रखंड में खेती लायक कम जमीन है। अधिकांश जमीन पथरीली व सख्त है। जिस कारण मजदूरों को मिट्टी काटने में काफी परेशानी होती है। यही कारण है कि अधिकांश मजदूर मिट्टी काटने के लिए तैयार नहीं होते हैं। जबकि भूमि संरक्षण विभाग से भी डोभा का निर्माण कराया गया। इसमें मिट्टी की कटाई मशीन से किया गया है। विभाग से बनने वाले डोभा का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में मनरेगा से बनने वाले करीब दो सौ डोभा का कार्य शुरू हो सका है। इस लिहाज से देखा जाए तो मानसून के पूर्व डोभा निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करना संभव नहीं है।
किसानों की तालाब बनवाने की मांग
नवल किशोर सिंह, कोदो पंडित, राजन सेन, इंदु सिंह, उत्तम सिंह, आनंद मंडल आदि किसानों का कहना है कि डोभा निर्माण से उन्हें कोई विशेष फायदा नहीं होने वाला है। डोभा के निर्माण से गांव में हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी। इसमें कभी भी बच्चे व मवेशी गिर सकते हैं। अगर डोभा की जगह तालाब का निर्माण कराया जाए तो किसानों को दोहरा लाभ मिलता। सिंचाई के साथ-साथ मत्स्य पालन भी होता। जबकि सरकार के जल संग्रह का मंसूबा भी पूरा हो जाएगा। डोभा निर्माण में सरकारी राशि का जमकर दुरुपयोग हो रहा है।
वर्जन
सरकारी निर्देश के अनुसार प्रखंड में डोभा निर्माण कराया जा रहा है। जिला से प्राप्त लक्ष्य को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास हो रहे हैं। व्यक्तिगत तौर पर लक्ष्य प्राप्ति के लिए रात-दिन प्रयत्नशील हैं। सभी के सहयोग से ही लक्ष्य पूरा हो सकेगा।
अखिलेश कुमार, बीडीओ