बिजली-पानी की समस्या से जीना दुश्वार
सारठ (देवघर) : महीने भर से जारी गर्मी के कहर ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। दूसरी तरफ
सारठ (देवघर) : महीने भर से जारी गर्मी के कहर ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। दूसरी तरफ पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की उदासीनता के चलते पेयजल के एकमात्र विकल्प चापाकल भी दम तोड़ने लगे हैं। गजियाडीह, दलदली, बेहरा, कोरैया, कचुवाबांक, जमुनियाटांड़, बरमसिया, कापड़ी टोला, गोपलारायडी, मिसराडीह, लोधरा, झगराही, अमजोरा, हरिराखा, असहना, ओझाडीह गंडा समेत अन्य गांवों में कई चापाकल बंद होने से ग्रामीण सशंकित हैं। स्थिति यह बन गई है कि जो चापाकल पानी देता है, वहां सुबह से ही लोगों की लंबी कतार लग जाती है। कभी-कभी तो पानी लेने के दौरान झगड़ा भी होने लगता है। शिकायत के बावजूद विभाग चापाकल की मरम्मत कराने में सफल नहीं हो सका है। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पेयजल संकट गहराने लगा है। केंद्र परिसर में एकमात्र चापाकल से किसी तरह पानी लेने में लोगों को सफलता मिल रही है।
बताया जाता है कि एक सप्ताह पहले केंद्र प्रभारी ने विभाग को पत्र लिखकर दो अतिरिक्त चापाकल की जरूरत की सूचना दी थी। लेकिन आज तक पत्र के आलोक में किसी तरह की पहल नहीं की गई है।
तीन दिन से बिजली आपूर्ति बंद: एक तरफ गर्मी और दूसरी तरफ गुल बिजली ने लोगों ने जख्म पर नमक छिड़कने का काम किया है। विद्युत विभाग की लापरवाही के चक्कर में गजियाडीह, कोरैया, सतबेहरी, फुलचुवां, झगराही, जमुनियाटांड़, तेतरियाटांड़, नया खरना, कुसमहा, गोपलारायडीह, राखजोर समेत कई गांवों में तीन दिनों से विद्युत आपूर्ति बाधित है। इस कारण लोगों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। भले ही कृषि मंत्री रणधीर सिंह बयान से जीरो पावर कट की बात कह रहे हों, लेकिन हकीकत में उनका बयान धरातल पर सही प्रतीत नहीं हो रहा है।
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कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के पास 11 हजार तार में खराबी आने के कारण आपूर्ति बाधित है। समस्या का शीघ्र समाधान कर आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।
- प्रभात तिवारी, कनीय अभियंता, विद्युत विभाग