डीपीआरओ कार्यमुक्त, निलंबन की अनुशंसा
देवघर : जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) पर कर्तव्यनिष्ठा में लापरवाही समेत अन्य गंभीर आरोप लगात
देवघर : जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) पर कर्तव्यनिष्ठा में लापरवाही समेत अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए उनको सारी शक्ति से मुक्त कर दिया गया है। आयोग के निर्देश के आलोक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी इंदु गुप्ता की सारी प्रशासनिक व वित्तीय शक्ति से मुक्त करते हुए विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी सह अधिसूचित जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी सुधीर दास को प्राधिकृत कर दिया है। डीसी ने डीडीसी को प्रपत्र क गठित करने का निर्देश दिया है ताकि कार्मिक विभाग को विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जा सके।
जानकारी हो कि डीपीआरओ से कार्यो के निर्वहन में लापरवाही, वित्तीय अनियमितता एवं स्वेच्छाचारिता संबंधी गंभीर आरोप के आलोक में डीडीसी जो चुनाव की वरीय प्रभारी हैं ने स्पष्टीकरण पूछा था। डीसी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि श्रीमती गुप्ता ने अपने स्पष्टीकरण में न सिर्फ विषय को विषयांतर कर दिया बल्कि वरीय पदाधिकारियों को आरोपित करते हुए अपनी ओर से बरती गयी लापरवाही एवं अनियमितता को छिपाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं सरकारी निर्देशों के विपरीत सीधे तौर पर आयोग व सरकार से पत्राचार कर मामले को दिग्भ्रमित किया।
बता दें कि डीडीसी द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब आयोग को भेजना भी श्रीमती गुप्ता को महंगा पड़ा। आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी। जिला स्थापना के माध्यम से आयोग को सारे तथ्यों से अवगत कराते हुए जिला पंचायती राज को निर्वाचन संबंधी सभी दायित्वों से मुक्त करने एवं उनका प्रभार विशेष भू अर्जन पदाधिकारी को देने की सहमति मांगी गयी थी। उसके बाद ही आयोग ने विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने एवं कार्यभार से मुक्त करने का निर्देश दिया। प्रथम चरण के चुनाव के ठीक एक दिन पूर्व शनिवार को दायित्वों से मुक्त कर दिया गया।