कड़ी धूप में रसोईया बना रही एमडीएम
मारगोमुंडा (देवघर) : शहरी इलाकों के सरकारी विद्यालयों की स्थिति देखकर शिक्षा के पैमाने का आकलन करना
मारगोमुंडा (देवघर) : शहरी इलाकों के सरकारी विद्यालयों की स्थिति देखकर शिक्षा के पैमाने का आकलन करना गलत है। विभिन्न प्रखंड के गांवों में जाकर सरकारी विद्यालयों की स्थिति देखने के बाद ही समझा जा सकता है कि आकलन सही है या महज कागजी कसरत।
प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बौगईया आकर सरकारी विद्यालयों की हकीकत की जानकारी मिल सकती है। 2006 में स्थापित इस विद्यालय में भवन तो बना दिया गया लेकिन किचन शेड नहीं है। रसोईया को कड़ी धूप में बच्चों के लिए एमडीएम बनाना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि आज तक विद्यालय में किचन शेड बनाने की दिशा में किसी तरह की पहल नहीं की गई। यहां कार्यरत रसोईया फुलिया देवी, गुलाबी देवी बताती हैं कि चिलचिलाती धूप में खाना बनाना काफी परेशानी भरा है। हमेशा डर लगा रहता है कि भोजन में कुछ गिर न जाए। विभाग से कितनी बार किचन शेड बनाने की मांग की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के दिनों में होती है।
समस्या के संबंध में विद्यालय के सचिव लक्ष्मण महतो का कहना है कि विभाग को कई बार किचन शेड बनाने के लिए लिखा गया। निर्माण की स्वीकृति नहीं मिली। मजबूरीवश रसोईया को धूप में खाना बनाना पड़ रहा है।