ध्यान से मिलता परमात्मा का सान्निध्य
देवघर : महर्षि मेंही आश्रम सलोनाटांड़ में स्वामी शिवानंद महाराज के तत्वावधान में रविवार को दो दिवसीय सत्संग शुरू हुआ। संतमत के सिद्धांत और परिभाषा की जानकारी दी गई। ब्रह्मालीन महर्षि मेंही के वरिष्ठ शिष्य शिवानंद महाराज ने कहा कि तीर्थयात्रा या विभिन्न धामों की यात्रा से कल्याण नहीं होता है। बल्कि नाम भजन से ही सच्चा कल्याण होता है। ईश्वर की भक्ति सच्चे मन से किया जाए। सभी धर्मो में ईश्वर की अवधारणा बताई गई है। जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष है और यह ईश्वर भक्ति के बिना अधूरा है। इसके अलावा जाप की महत्ता बताते हुए कहा कि इसका पालन करनेवाले को समस्त समृद्धि प्राप्त होती है। शरीर में ही सारी विद्या व तीर्थ हैं जो गुरु जाप से मिलती है। गुरु में सच्ची श्रद्धा होने से कभी निराशा नहीं मिलती है। विकारों के शमन के लिए आहार, आसन और भजन में संतुलन जरूरी है। ध्यान से अलौकिक परमात्मा का सान्निध्य पाया जा सकता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में संतोष कुमार, रामलोचन मंडल, सरयुग पंडित, कैलाश पंडित, बीरबल, गोपाल, राजनाथ ठाकुर, महादेव समेत अन्य जुटे हुए हैं।