परंपरा-आस्था का अनूठा संगम अढ़ैया मेला
देवघर : बाबाधाम में लगने वाले सबसे प्राचीन अढ़ैया मेला शनिवार की दोपहर संपन्न हो गया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांवरियों ने कामनालिंग पर जलार्पण कर मंगलकामना की। सरकारी पूजा के बाद बाबा मंदिर गर्भगृह में जलार्पण का सिलसिला शुरू हुआ। हालांकि सुबह में भीड़ ज्यादा रही, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही इसमें कमी आती गई। प्रवेश कार्ड के माध्यम से जलार्पण के कारण अफरातफरी का माहौल देखने को नहीं मिला। अढ़ैया मेला में खासकर मिथिलांचल के लोग बड़ी संख्या में आते हैं।
सुल्तानगंज से जल उठाकर ढाई दिनों में बाबाधाम की यात्रा पूरी करने की खुशी इनके चेहरों पर देखी जा सकती है। इस मेले की सबसे खास बात यह है कि इसमें परंपरा और आस्था का अद्भुत सामंजस्य देखने को मिलता है। जलार्पण के बाद कांवरिया कांवर लेकर बाबा मंदिर प्रांगण में नाचते-गाते हैं। वहीं विद्यापति रचित भजनों की प्रस्तुति से सारा वातावरण अलौकिक बन जाता है। महिलाएं भजनों से देवाधिदेव महादेव और जगत जननी माता पार्वती का आशीष लेने से नहीं चूकीं।