12 करोड़ वसूली पर भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं
मधुपुर : विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल मधुपुर द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 में 11 करोड़ 99 लाख 88 हजार 931 रुपये राजस्व की वसूली कर एक नया कीर्तिमान भले ही स्थापित कर लिया। लेकिन विद्युत आपूर्ति में कोई सुधार नहीं दिख रहा।
जानकारी के अनुसार इस अवर प्रमंडल के तहत फरवरी 14 तक 30125 उपभोक्ताओं में 4693 उपभोक्ता का कनेक्शन विपत्र बकाया रहने के कारण विच्छेद कर दिया गया। डीएस, सीएस, एलटीआईएस के उपभोक्ताओं से 5 करोड़ 88 लाख 66 हजार 660 रुपये व एसटी कनेक्शन के सर्वाधिक 3.60 करोड़ रुपये लॉ ओपाला आरजी लिमिटेड ने आरडीएच खाते में विपत्र का भुगतान किया। विद्युत चोरी व अवैध तरीके से विद्युत आपूर्ति करनेवालों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर एक साल में सौ से अधिक लोगों के विरुद्ध मधुपुर व करौं थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ बतौर जुर्माना लाखों का राजस्व वसूला गया। इस अवर प्रमंडल में 11 केवी विद्युत लाइन करीब 1500 किमी तक फैला हुआ है। करीब 960 विद्युत ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। मधुपुर शहरी क्षेत्र में करीब 210 ट्रांसफार्मर लगे हैं। 1973 के पूर्व विभाग में 132 कर्मचारी व अभियंता पदस्थापित थे। आज स्थिति काफी दयनीय है, क्योंकि वर्तमान में एक सहायक अभियंता, एक कनीय अभियंता व 3 फील्ड स्टाफ सहित मात्र 17 कर्मी के भरोसे ग्रामीण क्षेत्र, मधुपुर शहरी, करौं व कानो का ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। तीन सेक्शन अर्बन, मधुपुर रूरल, जगदीशपुर व करौं इसके अधीन हैं। तीन दशक में उपभोक्ताओं की तीन गुणा वृद्धि हुई है।
सहायक अभियंता रामाशीष प्रजापति ने बताया कि तीन कनीय अभियंता का पद स्वीकृत है, जिसमें एक मात्र पदस्थापित हैं। स्वीकृत पद 132 की जगह मात्र 17 विद्युत कर्मी के भरोसे काम चल रहा है। हालांकि कुछ निजी विद्युत कर्मी को विभाग के निर्देश पर रखकर काम कराया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि करोड़ों का राजस्व उगाही करनेवाले इस विभाग के कार्यालय की स्थिति जर्जर है। सुरक्षा हेतु एक भी रात्रि प्रहरी कार्यालय में तैनात नहीं है। कई बार विभागीय उच्चाधिकारी से पत्राचार किया गया लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली। बारिश में कार्यालय के अधिकांश हिस्से से पानी चूने लगता है। ऐसे में अत्याधुनिक उपकरण लगाने की बात करना बेमानी ही होगी।