शहरनामा :::::::::::: जय हो चतरा पुलिस की
चतरा पुलिस का भी क्या कहना। बड़े उग्रवादी और अपराधी को पकड़ते नहीं और छोटे को गोलियों से छलनी कर देते
चतरा पुलिस का भी क्या कहना। बड़े उग्रवादी और अपराधी को पकड़ते नहीं और छोटे को गोलियों से छलनी कर देते हैं। क्या मर्दानगी है? वर्दी की ऐसी धौस तो पहले कभी नहीं देखी थी। चलिए कम से कम चतरा पुलिस तरक्की तो कर रही है। हुजूर संघरी घाटी पर आए दिन डकैती हो रही है। चोरी की अनगिनत घटनाएं हो रही है। हत्या, लूट, बलात्कार जैसे जघन्य आपराधिक घटनाएं घट रही है। लेकिन जनाब आज तक ऐसे किसी अपराधी को गोलियों से छलनी नहीं किया। इतना ही नहीं दर्जनों नक्सली कांडों के आरोपी शहर में घूम रहे हैं। कुछ का तो साहब लोगों के साथ मिलना जुलना भी है। लेकिन आज तक चतरा पुलिस ने ऐसे दुर्दात अपराधियों या उग्रवादियों को गोली नहीं मारी। गोली किसे मारी, उस गरीब के बेटा को, जो पूरी तरह से निर्दोष था। आरोप क्या लगाया मामूली चोरी का। धन्य है चतरा पुलिस। बड़े साहब आम जनता के साथ रिश्ता मजबूत करने की वकालत करते हैं और पिपरवार थाना पुलिस युवक को घर से निकाल कर गोली मार देती है। हुजूर वर्दी की गरिमा को बनाए रखें। इसे कलंकित नहीं करिए। इस प्रकार की घटना से लोगों का विश्वास पुलिस से उठ जाएगा। यदि बहादुरी दिखानी है, तो चतरा जिला में इसके लिए बहुत अधिक संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं पर काम करिए। उग्रवाद और अपराध पर लगाम लगाइए तथा मौत रूपी हो रही पोस्ता की खेती को रोकिए।
और दोनों माननीय की पीट गई भद
प्रधान सेवक के कार्यकाल का तीन वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में उपलब्धियों को गिनाने के लिए जनता का दास यहां आए थे। उन्होंने उपलब्धियां गिनाई भी। विकास से लेकर जनकल्याणकारी योजनाओं तक की उपलब्धियां की पेश की। भावी कार्ययोजना पर भी प्रकाश डाला। लेकिन इससे पहले चतरा व सिमरिया वाले माननीय अपनी और सरकार दोनों की भद पिटवा दी। एक को तो उपस्थित भीड़ ने हुड कर दिया, तो दूसरा खुद आलोचना का पात्र बन गया। चतरा वाले माननीय बिजली के मुद्दे पर घिर गए। माननीय अपने संबोधन में जैसे ही कहा कि पहले की अपेक्षा बिजली व्यवस्था में सुधार हुई है और अब 15-16 घंटा बिजली आपूर्ति हो रही है। फिर क्या था, उपस्थित भीड़ हंगामा मचाने लगी। भीड़ ने तो यहां तक कह दिया कि हुजूर थोड़ा क्षेत्र का भ्रमण किया कीजिए। क्षेत्र का भ्रमण करिएगा, तभी तो समस्याओं की स्थिति जान पाइएगा। आप तो क्षेत्र आते ही नहीं। सिमरिया वाले भैया तो मंच से कह दिया कि अब तक कोई काम नहीं हुआ है। चुनाव के समय बहुत सारे वायदे किए थे। लेकिन उन वायदों को अब तक पूरा नहीं कर पाया हूं। भैया के संबोधन सुनकर सभी आश्चर्य में डूब गए। वैसे भी भैया एकला चलने पर विश्वास करते हैं। इसका प्रमाण यह है कि संगठन के कार्यक्रमों में वह बहुत रूची नहीं लेते हैं। संगठन की किसी बैठक में नहीं आते हैं।
मैडम तलाश रही संभावनाएं
वैसे तो लोकसभा चुनाव में अभी तकरीबन दो वर्ष हैं। लेकिन चतरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने का इच्छा रखनेवाले नेता एवं जनप्रतिनिधि धीरे-धीरे अपनी सक्रियता बढ़ाने लगे हैं। पड़ोसी जिला की मैडम भी यहां पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। शुक्रवार को इफ्तार पार्टी के बहाने मैडम प्रतापपुर पहुंची और क्षेत्र की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। कार्यकर्ताओं के साथ घंटों समय बिताया। उसके बाद वापस लौट गईं। इससे पूर्व करीब चार माह पहले भी मैडम आई थीं। उस वक्त भी संगठन के खास-खास लोगों से भेंट कर वापस लौट गई थी। मैडम की हार्दिक इच्छा है कि चतरा संसदीय क्षेत्र के भाग्य आजमाए। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो मैडम यहां से चुनाव लड़ेगी।