Move to Jagran APP

बारिश की भेंट चढ़ गए नदी-नालों में बने डोभे

कान्हाचट्टी : सरकार जल संरक्षण को लेकर डोभा निर्माण कराया था। परंतु सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना

By Edited By: Published: Tue, 05 Jul 2016 07:10 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2016 07:10 PM (IST)
बारिश की भेंट चढ़ गए नदी-नालों में बने डोभे

कान्हाचट्टी : सरकार जल संरक्षण को लेकर डोभा निर्माण कराया था। परंतु सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का जमीनी हकीकत कुछ और ही है। राशि के बंदरबांट करने को लेकर दर्जनों डोभा का निर्माण नदी, नाले व जलकुंड में करवाया गया। परिणाम स्वरूप पहली ही बारिश में दर्जनों डोभे बारिश की भेंट चढ़ गई। डोभा का निर्माण जल संचयन को लेकर ऊपरी भूमि पर करना था, परंतु अधिकांश डोभा का निर्माण नदी-नालों व पूर्व में बने जलकूंडों में करा दिया गया।

prime article banner

डोभा निर्माण स्थल पर नहीं लगे साइन बोर्ड

मनरेगा एवं भूमि संरक्षण के तहत बनाए गए डोभा में साइन बोर्ड लगवाना था, ताकि ग्रामीणों को पता चल सके कि किस डोभा का निर्माण किस विभाग से कराया गया है। परंतु प्रखंड के किसी भी डोभा निर्माण स्थल पर बोर्ड नहीं लगाया गया है। अब ऐसे में डोभा का जब अस्तित्व ही नहीं बचा तो मनरेगा व भूमि संरक्षण विभाग एक दूसरे के सिर इसका ठिकरा फोड़ेंगे। यहां बताते चलें कि डोभा निर्माण स्थल पर बोर्ड लगाने के बाद ही राशि की भुगतान की जानी चाहिए भी। परंतु राशि के बंदरबांट के लिए जैसे-तैसे कार्य को पूर्ण दिखाकर राशि की निकासी कर ली गई है।

कोट

मनरेगा योजना के तहत प्रखंड के तुलबुल व चीरीदीरी पंचायत के कई गांवों में नदी, नाले में डोभा निर्माण का मामला आया है। पहली बारिश में ही नदी में बना डोभा बह गया है। मामले की जांच की जा रही है। संबंधित रोजगार सेवकों पर कार्रवाई की जाएगी।

शालिनी खलखो, बीडीओ, कान्हाचट्टी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.