शिक्षा न रोजगार, जोड़र तघेल के सहारे कटती है ¨जदगी
कान्हाचट्टी : न ही शिक्षा की मुक्कमल व्यवस्था है और न ही रोजगार का कोई साधन। ऐसे में यहां निवास कर
कान्हाचट्टी : न ही शिक्षा की मुक्कमल व्यवस्था है और न ही रोजगार का कोई साधन। ऐसे में यहां निवास करने वाले बिरहोरों को जीने का एकमात्र साधन जोडर तघेल बनाकर इसे बाजार में बेचना है। यह स्थित प्रखण्ड के बक्चुम्बा पंचायत के बिरेखाप गाँव में निवास करने वाले बिरहोरों का। इस गांव का नाम ही बिरहोरों के ही नाम पर नामकरण हुआ है। परंतु यहाँ के बिरहोरों का विकास आजादी के कई वर्ष बीतने के बाद भी नहीं हुआ है। विकास के नाम पर यहां उनके लिए कुछ आवास बना दिए गए। परंतु देख रेख के अभाव में आवास भी जीर्णशीर्ण हो गए। गाँव के बिनोद बिरहोर बताते है की इस गाँव में बच्चों को पढ़ने के लिए ना तो विद्यालय है और ना ही आंगनबाड़ी केंद्र। कुछ बच्चे पढ़ना भी चाहते है तो उन्हें एक से डेढ़ किलोमीटर विद्यालय जाना पड़ता है। किशुन बिरहोर व लड्डे बिरहोर ने बताया की हमनी के रोजगार के लिए सरकारवा कुछ नाय करै। सरकरवा हमनी गरीब बिरहोर के काम धंधा नाय देवै। खाली बड़के लोग के देखो हथीन। इतना तक की हमनी के गरीब के मिलैओला चौरो अनाज नाय मिलै। इन्हे पहले चावल मिलता था।परंतु अब छ: माह से वो भी नहीं मिलता है।
अधिकारी वर्जन
बक्चुम्बा पंचायत के बिरहोरों को छ: आवास बन चुका है और 10 आवास कल्याण विभाग से स्वीकृत हो चुकी है। यदि इन्हे अनाज नहीं मिल रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी और उन्हें अनाज मिलता था तो मिलेगा।
शालिनी खलखो, प्रखंड विकास पदाधिकारी, कान्हाचट्टी।