भद्रकाली की सुरक्षा व्यवस्था होगी चुस्त : डीजीपी
इटखोरी: ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त की जाएगी। अगले वर्ष ह
इटखोरी: ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त की जाएगी। अगले वर्ष होने वाले इटखोरी महोत्सव से पहले सारे काम कर लिए जाएंगे। मंदिर प्रबंधन समिति को भी यहां बहुत कुछ करने की दरकार है। यह बात शनिवार को झारखंड के पुलिस महानिदेशक डी के पांडेय ने इटखोरी में कही। पुलिस महानिदेशक यहां मां भद्रकाली मंदिर परिसर में पूजा अर्चना करने आए थे। उनके साथ पुलिस महानिरीक्षक एम एस भटिया, डीआईजी उपेंद्र कुमार, उपायुक्त अमित कुमार, पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा भी थे। मंदिर में पूजा अर्चना करने पश्चात पुलिस महानिदेशक ने बताया कि उन्होंने मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से विस्तृत वार्ता की है। उनके द्वारा जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया है। पुलिस महानिदेशक ने मंदिर प्रबंधन समिति को यह सुझाव दिया कि देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का कमेटी के सदस्य भ्रमण करें। इस बात की जानकारी भी लें कि तीर्थ यात्रियों को ठहरने व खाने की कैसी व्यवस्था मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रसिद्ध स्थल पर सभी तरह की सुविधाएं चौबीसों घंटे मुहैया रहनी चाहिए। ताकि यहां आने वाले भक्तों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने मंदिर परिसर में एक प्रशासनिक भवन की भी आवश्यकता जताई। कहा कि अगले पचास वर्षो को ध्यान में रखकर ऐसा प्रशासनिक भवन बनाया जाए जिसमें पुलिस बल, अर्द्धसैनिक बल के साथ जिला प्रशासन एवं प्रखंड प्रशासन के अधिकारियों के बैठने का भी कक्ष हो। मंदिर आगमन पर पुलिस महानिदेशक का अनुमंडल पदाधिकारी नंदकिशोर लाल, अंचल अधिकारी विनोद प्रजापति, थाना प्रभारी प्रदीप कुमार, रामवृक्ष सिंह, रतन शर्मा, मृत्युंजय सिंह, सुरेंद्र सिंह आदि ने स्वागत किया।
पुलिस पिकेट की मांग रखी
सांसद प्रतिनिधि रामवृक्ष सिंह, मृत्युंजय सिंह समेत मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों ने पुलिस महानिदेशक के समक्ष पुलिस पिकेट की स्थापना की मांग की। महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन व मंदिर प्रबंधन समिति पुलिस पिकेट के निर्माण के लिए जमीन मुहैया कराय, यहां पुलिस पिकेट की स्थापना यथाशीघ्र की जाएगी।
पुलिस महानिदेशक का दिखा मानवीय रूप
मंदिर आगमन के पश्चात ग्रामीणों को पुलिस महानिदेशक डी के पांडेय का मानवीय रूप भी देखने को मिला। पुजा अर्चना करने के पश्चात डीजीपी जब मंदिर परिसर से प्रस्थान कर रहे थे। उसी वक्त एक वृद्ध महिला अपने पुत्र के अनुकंपा पर नौकरी को लेकर फरियाद करने पहुंच गई। अपनी पीड़ा सुनाते-सुनाते महिला रोने लगी। डीजीपी ने वृद्ध महिला को ढाढ़स बंधाया तभी महिला अचानक बेहोश हो गई। वहां खड़े ग्रामीणों ने वृद्ध महिला को संभाला। जब उसे होश नहीं आया तो ग्रामीणों के साथ मिलकर डीजीपी ने गोद में उठाकर महिला को मंदिर के कार्यालय में लिटाया। उन्होंने महिला के पुत्र को आश्वासन दिया कि नौकरी मिलने में सभी तरह के अड़चनों को शीघ्र दूर कर लिया जाएगा।