खोई प्रतिष्ठा पाने को जूझ रही भाजपा
इटखोरी (चतरा) : सिमरयिा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा अपनी खोई प्रतिष्ठा पाने के लिए जूझ रही है। संगठन
इटखोरी (चतरा) : सिमरयिा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा अपनी खोई प्रतिष्ठा पाने के लिए जूझ रही है। संगठन द्वारा चुनाव जीतने के लिए हर दांव पेंच अजमाए जा रहे हैं। सिमरिया के समर में झाविमो, राजद, सीपीआइ व झामुमो सहित अन्य दलीय व निर्दलीय प्रत्याशी कड़ी टक्कर देने को ताल ठोंक रहे हैं।
मालूम हो कि एक जमाने में सिमरिया विधानसभा क्षेत्र भाजपा का सुरक्षित किला माना जाता था। यही वजह है कि यहां से भाजपा प्रत्याशी को तीन बार सफलता हाथ लगी है। 1977 का चुनाव जनसंघ के कोटे से जनता पार्टी के टिकट पर उपेंद्र नाथ दास निर्वाचित हुए थे। 2004 के चुनाव तक सिमरिया में भाजपा का जलवा बरकरार रहा। लेकिन 2007 के उप चुनाव में यहां पर भाजपा प्रत्याशी की भद पिट गई थी। पार्टी के उम्मीदवार उज्ज्वल कुमार दास की जमानत तक जब्त हो गई थी। भाजपा के हार का सिलसिला 2009 के चुनाव में भी जारी रहा। हालांकि सिमरिया में भागवा झंडा लहराने के लिए भाजपा ने दिग्गज प्रत्याशी के रूप में पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता को मैदान में उतारा था, लेकिन सत्यानंद यहां पर अपना जलवा नहीं दिखा सके और तीसरे स्थान तक ही पहुंच पाए थे। दो हार से सबक लेते हुए इस बार भाजपा ने सुजीत भारती के रूप में युवा उम्मीदवार दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को मिले 75 हजार से अधिक वोट कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगाए हुए है। लेकिन विधानसभा के चुनाव में पार्टी का प्रत्याशी कार्यकर्ताओं के उत्साह को कितना बरकरार रख पाते हैं, यह तो मतों की गिनती के बाद भी स्पष्ट होगा।