बुलेट पर भारी पड़ा बैलेट का वार
चतरा : प्रथम चरण में हुए चतरा विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भाकपा माओवादियों के बहिष्कार के बावजदू
चतरा : प्रथम चरण में हुए चतरा विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भाकपा माओवादियों के बहिष्कार के बावजदू बुलेट पर बैलेट का वार भारी साबित हुआ। बहिष्कार का जरा भी प्रभाव नहीं रहा। मतदाताओं ने खुल कर वोट किया। पूरे विधानसभा क्षेत्र में 53.11 प्रतिशत मतदान हुआ। माओवादियों के लिए झारखंड का जाफना माने जाने वाला कुंदा प्रखंड में 48.87 प्रतिशत मतदान हुआ। विधानसभा क्षेत्र के कुल 3,38,881 मतदाताओं के लिए बनाए गए 387 मतदान केंद्रों में यदि चार को छोड़ दिया जाए, तो शेष अन्य सभी केंद्रों में मतदान हुआ है। कुल मतदाताओं में से 1,80,503 वोटरों ने मतदान किया। हालांकि पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाता अधिक जागरूक रही। विधानसभा क्षेत्र में पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,79,367 हैं। जिसमें 94,664 ने मतों का प्रयोग किया। जिसका कुल प्रतिशत 52.70 होता है। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 1,59,512 है। जिसमें से 85,839 ने मतदान कीं। जिसका पोल प्रतिशत 53.81 होता है। अर्थात पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा महिलाओं ने अधिक वोट किया। मतदान को लेकर सुरक्षा का काफी बेहतर प्रबंध किया गया था। शहर के सभी मतदान केंद्रों पर पहली बार महिला अर्द्ध सैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति हुई थी। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के सभी केंद्रों पर पुरुष अर्द्ध सैनिक बल तैनात किए गए थे। मतदान के दौरान उपद्रव्य मचाने के लिए माओवादियों ने प्रतापपुर थाना क्षेत्र के तीन विभिन्न मतदान केंद्रों के समीप लैंड माइंस लगाए थे। लेकिन जिला बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों ने समय रहते उसे बरामद कर लिए। विधानसभा क्षेत्र के कुल 25 केंद्रों को आदर्श बनाया गया था। हालांकि इसमें से 14 पर ही वेब कास्टिंग हो सकी। मतदान केंद्र बदले जाने के कारण प्रतापपुर के तीन और कान्हाचट्टी प्रखंड के एक मतदान केंद्रों पर ग्रामीणों ने वोट नहीं किए। ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार कर दिया। जिसके कारण प्रतापपुर के सभी तीनों केंद्र पर एक भी वोट नहीं पड़े। जबकि कान्हाचट्टी प्रखंड के एक केंद्र पर मात्र दो ईडीसी वोट पड़े। मतदान के दौरान कहीं से भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, जो जिला पुलिस एवं प्रशासन के लिए बड़ी उपलब्धी मानी जा सकती है।