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सलाखों में जिंदगी, मन में आस्था का समंदर

चतरा : जिंदगी सलाखों के पीछे है। लेकिन मन में आस्था का समंदर उमड़ रहा है। भक्ति और श्रद्धा ने धार्मि

By Edited By: Published: Mon, 27 Oct 2014 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 27 Oct 2014 10:37 PM (IST)
सलाखों में जिंदगी, मन में आस्था का  समंदर

चतरा : जिंदगी सलाखों के पीछे है। लेकिन मन में आस्था का समंदर उमड़ रहा है। भक्ति और श्रद्धा ने धार्मिक कटुता को भुला दिया है। यह नजारा है स्थानीय मंडल कारा का। मंडल में इस वर्ष भी सात बंदी सूर्योपसना का महापर्व छठ कर रहे हैं। इनमें पांच महिलाएं व दो पुरुष शामिल हैं। सोमवार को व्रतियों ने नेम और निष्ठा के साथ स्नान कर कद्दू की सब्जी, चना का दाल और अरवा चावल का बना भात का सेवन किया। मंगलवार को विधि-विधान के साथ खरना करेंगे और बुधवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य अर्पित करेंगे। वहीं गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य दान करेंगे। व्रतियों को पूजन कार्य में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए जेल प्रशासन निरंतर नजर रखे हुए है। अ‌र्ध्य अर्पित करने के लिए कारा परिसर में ही छोटा सा जलाशय बनाया गया है। वर्तमान समय में यहां पर कुल 467 बंदी हैं। जिसमें 27 महिलाएं शामिल हैं। छठ पर्व करने वाली व्रतियों को महिलाएं पूरा सहयोग कर रही है। छठी मईया की गीत से लेकर अन्य विधि-विधान में यह महिलाएं उनकी सारथी बनी हुई हैं।

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अधिकारी वर्जन

मंडल कारा में वर्तमान समय में 467 बंदी हैं। इनमें सात बंदी छठ पर्व कर रहे हैं। जिसमें पांच महिलाएं व दो पुरुष शामिल हैं। कारा प्रशासन व्रतियों को पूजन कार्य में हर संभव मदद कर रहा है।

सी. के. चौधरी, काराधीक्षक, चतरा।


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