अनियमित बिजली ने दशहरा उत्सव को किया फीका
चतरा : शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा को लेकर लोगों में काफी उत्साह और उमंग है। दशहरा का पर्व धीरे-धीरे परवान चढ़ रहा है। रविवार को नवरात्र का चौथा दिन अर्थात माता के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा हुई। पूजा उत्सव में बिजली खलनायक बनकर उभर रही है। बिजली की अनियमित आपूर्ति दशहरा जैसे बड़ा पर्व पर भी हावी है। आपूर्ति व्यवस्था इतनी चरमराई हुई है कि लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा है। यह आक्रोश कभी भी उग्र रूप धारण कर सकता है और इसके लिए पूरी तरह से जिला प्रशासन एवं संबंधित अधिकारी जिम्मेवार होंगे। गत 12 सितंबर को एक दिवसीय दौरा पर आए राज्य के ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह ने जिले के इटखोरी एवं मयूरहंड प्रखंड में घोषणा की थी कि दस से पंद्रह दिनों के भीतर आपूर्ति व्यवस्था सुचारू हो जाएगा। मंत्री जी की घोषणा के पंद्रह दिन बीत गए, लेकिन स्थिति में अपेक्षित सुधार के बजाय और बदतर हो गई है। व्यवस्था से त्रस्त उपभोक्ता एवं जन त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। व्यवसायियों को कारोबार चौपट होते जा रहा है। स्थिति को देखते हुए शनिवार को चतरा वस्त्र एवं रेडीमेड विक्रेता संघ ने उपायुक्त से मिलकर आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू कराने की गुहार लगाई है। बिजली आपूर्ति का अंदाजा महज इस बात से लगा सकते हैं कि रात में दो से तीन घंटा तक ही आपूर्ति हो रही है, वह भी नियमित नहीं। बिजली व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन तक का आयोजन किया जा चुका है। लेकिन उसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुई। आपूर्ति व्यवस्था ठप रहने के कारण रात में आठ से साढ़े आठ बजे के आसपास दुकानें बंद हो जा रही है। पूजा कमेटियों को विद्युत साज-सज्जा में भी परेशानियां हो रही है। अंधेरे की वजह से संध्या आरती के बाद वापस लौटने में महिलाओं व युवतियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर उपभोक्ताओं के आक्रोश से बचने के लिए विभागीय अधिकारी कार्यालयों कम समय के लिए बैठ रहे हैं। इतना ही अपने-अपने मोबाइल का भी स्वीच आफ कर लिया है।