26 से कराएं सदर अस्पताल में डायलिसिस
बोकारो : अब जिले के गरीब-जरूरतमंदों को आसानी और बाजार दर से काफी कम शुल्क पर डायलिसिस की सुविधा मिल
बोकारो : अब जिले के गरीब-जरूरतमंदों को आसानी और बाजार दर से काफी कम शुल्क पर डायलिसिस की सुविधा मिलेगी। कारण, यहां के सदर अस्पताल में यह सुविधा मरीजों को 26 जनवरी से नियमित रूप से मिलने लगेगी। इससे पूर्व इसका संचालन करनेवाली कंपनी इसका ट्रायल करेगी।
सदर अस्पताल के ए-ब्लॉक के दूसरी मंजिल पर डायलिसिस वार्ड का निर्माण पूरा कर लिया गया। सोमवार को इससे संबंधित उपकरणों की आपूर्ति राज्य मुख्यालय की ओर से कर दी गई।
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आधे शुलक पर सुविधा
सदर अस्पताल में इस सुविधा के बहाल होने पर वैसे लोगों को विशेष फायदा होगा जो आर्थिक तंगी के कारण डायलिसिस कराने में अक्षम हैं। प्रबंधन की मानें तो यहां बाजार से आधे शुल्क पर इलाज किया जाएगा। अस्पताल में पूर्व से ही सभी प्रकार के पैथोलॉजिकल टेस्ट एसआरएल कंपनी के जिम्मे है।
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डायलिसिस की जरूरत कब
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अर्जुन प्रसाद ने बताया कि क्रॉनिक रिनल डिजीज या क्रॉनिक किडनी डिजीज के कारण क्रिएटिनिक क्लियरेंस रेट 15 फीसद या उससे भी कम हो जाए तो डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। किडनी में समस्या के कारण शरीर में पानी इकट्ठा होने लगता है। पहले दवा देकर देखा जाता है। फायदा नहीं मिलने पर डायलिसिस करना पड़ता है। डायलिसिस दो प्रकार हैं-हीमो डायलिसिस व पेरिटोनियल डायलिसिस। हीमो डायलिसिस में विशेष प्रकार की मशीन से एक बार में 250 से 300 मिलीलीटर खून को बाहर निकालकार शुद्ध किया जाता है और फिर शरीर में डाला जाता है। शुद्धीकरण के लिए डायलाइजर नामक चलनी का प्रयोग किया जाता है। पेरिटोनियल डायलिसिस में रोगी की नाभी के नीचे ऑपरेशन से एक नलिका बनाई जाती है। इस नलिका के जरिए एक प्रकार का तरल पेट में डाला जाता है। पेट के अंदर की झिल्ली डायलाइजर का काम करती है और रक्त में मौजूद विषैले पदार्थो को बाहर निकालती है। यह तरल पेट में पांच-छह घंटे तक रखना पड़ता है।
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सदर अस्पताल में पीपीपी मोड पर डायलिसिस की सुविधा बहाल की जा रही है। सभी आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जा चुकी है। उम्मीद है कि 26 जनवरी तक यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
डॉ. सोबान मुर्मू, सिविल सर्जन बोकारो।