..ताकि ठंड से पशु-पक्षियों को मिले राहत
बोकारो : जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान प्रबंधन पशु-पक्षियों को कड़ाके की ठंड से राहत दिलाने के लिए हरसं
बोकारो : जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान प्रबंधन पशु-पक्षियों को कड़ाके की ठंड से राहत दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। चिड़ियाघर में इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि सभी पशु-पक्षियों के बाड़े में सूर्य की रोशनी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। इसके लिए बाड़े और उसके आसपास के वृक्षों की डाली को छंटवाया गया है। कई पशुओं को दिनभर सूर्य की रोशनी में आराम फरमाते देखा जा सकता है।
चीता बाड़े के अंदर पेड़ पर चढ़कर भी धूप सेंकने का आनंद उठाता है। शेर, बाघ, भालू के अलावा हिरण, लकड़बग्घा, नीलगाय, मगरमच्छ, बंदर आदि को भी धूप में आराम फरमाते देखा जा सकता है। बाघ, चीता, शेर एवं भालू के बाड़े में रूम हीटर की व्यवस्था की गई है। अजगर, लकड़बग्घा, बंदर के अलावा पक्षियों के बाड़े में पुआल की व्यवस्था की गई है।
नियमित होती जांच : पशु चिकित्सक चिड़ियाघर के पक्षियों और जानवरों की नियमित रूप से जांच करते हैं और उन्हें कड़ाके की ठंड से बचाने का सुझाव भी देते हैं। पानी में रहनेवाले जीवों की भी विशेष निगरानी की जाती है। दरियाई घोड़ा, मगरमच्छ और फेलिकन का विशेष ध्यान रखा जाता है। चिड़ियाघर प्रबंधन की ओर से डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान भी तैयार किया गया है। इसके तहत लोगों को सर्पदंश के अलावा वन्य जीवों से संबंधित विभिन्न प्रकार के सुझाव दिए जाते हैं।