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सादा जीवन उच्च विचार की प्रतिमूर्ति थे सूर्यनाथ

--समाजवादी विचारधारा के थे पक्षधर समाजवादी विचारधारा के पक्षधर सूर्यनाथ ¨सह मजदूरों के मसीहा कह

By Edited By: Published: Fri, 28 Oct 2016 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 28 Oct 2016 01:01 AM (IST)
सादा जीवन उच्च विचार की प्रतिमूर्ति थे सूर्यनाथ

--समाजवादी विचारधारा के थे पक्षधर

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समाजवादी विचारधारा के पक्षधर सूर्यनाथ ¨सह मजदूरों के मसीहा कहलाते थे। मजदूरों का दुख उनसे देखा नहीं जाता था। मजदूरों के साथ अन्याय करने वालों के खिलाफ जमकर लड़ाई लडा़ करते थे और मजदूरों को वाजिब हक दिलाकर ही दम लेते थे। उन्होंने पूरी ¨जदगी ईमानदारी पूर्वक एवं सादगी के साथ व्यतीत करते हुए कोयला मजदूरों के हित में काम किया। कई लोगों को कोल कंपनी में नियोजन दिलाया। शुरूआती दौर में एनसीडीसी में नौकरी की, जो बाद में सीसीएल में परिणत हो गयी। वे करगली वाशरी में फोरमैन इंचार्ज के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। नौकरी करते हुए भी वे मजदूरों की सेवा करते थे। सेवानिवृत्ति के बाद अपना जीवन मजदूरों की सेवा में लगा दिया था। अपने स्वच्छ चरित्र एवं सामाजिक आचरण एवं नम्र स्वभाव के कारण मजदूरों के साथ-साथ आमलोगों में भी वे काफी लोकप्रिय थे।

--आंदोलनों में निभाई सक्रिय भूमिका

उन्होंने मजदूरों के आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। ¨बदेश्वरी दुबे, रामसुंदर दास, बसावन ¨सह, रामदास ¨सह, मिथिलेश कुमार सिन्हा एवं सूर्यदेव ¨सह के साथ उनकी यूनियन में रहकर मजदूर हित में काम किया। ¨हद मजदूर सभा के झारखंड व बिहार के कई वर्षों तक प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। जनता पार्टी व भारतीय जनता पार्टी में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। अंतिम समय में जनता मजदूर संघ के रीजनल सचिव और झाविमो के वरिय नेता के रूप में जिम्मेवारी निभाई। वे सादा जीवन उच्च विचार की प्रतिमूर्ति थे।


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