..तब स्थानीय लोगों के विरोध पर नहीं हटाए गए हिरण
चंद्रपुरा : विद्युत नगरी चंद्रपुरा में अस्सी के दशक से हिरण पार्क है। जहां रोज सुबह हिरण देखने के लि
चंद्रपुरा : विद्युत नगरी चंद्रपुरा में अस्सी के दशक से हिरण पार्क है। जहां रोज सुबह हिरण देखने के लिए बच्चों और महिलाओं की भीड़ जुटती है। यहां फिलहाल 52 की संख्या में चीतल हिरण हैं। डीवीसी के तत्कालीन चेयरमैन पीसी लूथर की एक योजना के तहत मैथन से चंद्रपुरा में चार हिरण लाए गए थे। इसके लिए चंद्रपुरा थर्मल प्लांट के निकट स्थित बादाम पहाडी को चिह्नित किया गया।
चंद्रपुरा आवासीय कॉलोनी स्थित बादाम पहाड़ी में हिरणों की देखभाल डीवीसी का वन विभाग करता है। रोजाना इनके लिए खाने का इंतजाम किया जाता है। हिरणों के पानी पीने के लिए पार्क में हौज की व्यवस्था की गई है। समय-समय पर पशु चिकित्सक हिरणों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। अच्छी देखभाल के बाद भी कई हिरणों की सामान्य मौत हो चुकी है।
जू-अथॉरिटी ने बताया था पार्क को असुरक्षित : जू-अथॉरिटी ऑफ इंडिया की एक टीम ने विगत पांच साल पहले चंद्रपुरा हिरण पार्क का जायजा लिया था। टीम ने चंद्रपुरा हिरण पार्क को असुरक्षित बताया था। इसके बाद चंद्रपुरा बादाम पहाडी से सभी हिरणों को हजारीबाग नेशनल पार्क भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके लिए हिरण पार्क में कई दिन तक विभाग का ट्रक खड़ा रहा, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। तब वन विभाग की टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा था। चंद्रपुरा से हिरण को हटाने के प्रयास के विरोध में स्थानीय नागरिकों और विभिन्न दलों के लगातार विरोध के बाद उन्हें अन्यत्र नहीं भेजा जा सका। तब से हिरण पार्क चंद्रपुरा में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।