गोलियां दागने के बाद शहर में घूमता रहा शहनवाज
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जागरण संवाददाता,बोकारो: 21 जून को आजाद नगर में निसार की हत्या करने के बाद शहनवाज व उसके सहयोगी झोपड़ी कॉलोनी होते हुए नया मोड़ पहुंचे। बस स्टैंड के पास की एक दुकान में सबने चाय पी। चाय पीने के बाद शहनवाज के दो सहयोगी प्रमोद पासवान व जफर इमाम स्कारपियो से उतर कर अपने घर चले गए। शहनवाज अपने भाई सरफराज के अलावा सहयोगी अताउल्लाह, गोलू ¨सह और एजाज के साथ सेक्टर नौ स्थित वीरेन्द्र के घर गया। आधा घंटा सभी यहां रुके। वीरेंद्र से शहनवाज ने धंधे में सहयोग करने को कहा और पचास रुपये का नोट भी निकालकर उसे दिया।
इस बात का खुलासा खुद हत्यारोपी शहनवाज ने इकाबालिया बयान में पुलिस के समक्ष किया है। बताया है कि उसने हत्या की योजना बिहार के सिवान मुफस्सिल स्थित अपने गांव पर बनाया था। यहां पर अताउल्लाह उर्फ ¨पटू, एजाज व गोलू ¨सह आए थे। सभी को बरही जीटी रोड पर मिलने को उसने कहा। वह बस से बरही पहुंच गया। तीनों बरही में उसे मिल गए। यहां पर अताउल्लाह पहले ही यूपी का फर्जी नंबर लगा स्कारपियो से था। सभी इसी वाहन से बोकारो पहुंचे। बोकारो के कुर्मीडीह में रहने वाले एक रेलवे ठेकेदार के घर पर सभी रुके। दोपहर में ठेकेदार के घर पर ही खाना खाने के बाद शहनवाज सो गया। पुलिस को इसने बताया है कि वह आजाद नगर शाम को अपने अन्य साथियों को लेकर पहुंचा। मोहन होटल के पास निसार से उसकी बात हुई। निसार ने बात मानने से इनकार किया तो वह उसपर गोलियां दागना शुरू कर दिया। उसके साथियों ने भी गोलियां चलाई। पच्चीस हजार रुपये उसने अताउल्लाह व एजाज को दिया था।
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आद्रा से पकड़ी थी ट्रेन
पुलिस को शहनवाज ने बताया है कि वह अपने साथियों को छोड़कर भाई सरफराज के साथ आद्रा पहुंचा। यहां रहने वाले जमाल से वह मिला। जमाल ही रेलवे का टेंडर मैनेज कराने का काम करता था। जमाल ने भी उसके व निसार , आरजू से सुलह कराने का प्रयास किया था। जमाल को वह हत्याकांड की बात बताया। धंधे की बात करने के बाद वह अपने भाई के साथ ट्रेन से सिवान चला गया। पुलिस पहुंची और वह भाई समेत गिरफ्तार हो गया।
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ठेकेदार को दिया था एक करोड़
शहनवाज ने पुलिस को जानकारी दी है कि वह जिस रेलवे ठेकेदार के यहां पर वह हत्या के पहले रुका था उसे व्यवसाय में लगाने के लिए एक करोड़ रुपए दिया था। बताया है कि रेलवे का टेंडर मैनेज कराने में वह दो प्रतिशत कमीशन लेता है। कई बार ठेकेदारों व अन्य व्यवसायियों को हड़काकर वह रुपये ले चुका है।
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वर्ष 2011 में पहला मुकदमा
उसके खिलाफ सबसे पहले वर्ष 2011 में नौ सितंबर को रेलवे ठेकेदार ब्रज मोहन से रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज हुई। इसके बाद कूलिंग पौंड नंबर दो निवासी अजय के यहां वह इसी वर्ष 22 नवंबर को गोली चलाया था। घटना की रात ही पुलिस ने उसे तमंचे के साथ गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया। जेल से छूटने के बाद वह वर्ष 2012 के 25 जून को रेलवे गुड्स शेड में क्रेन ऑपरेटर पर गोली चलाया। 3 जुलाई को वह अवैध असलहा के साथ पकड़ा गया और फिर जेल गया। बीते वर्ष माराफारी निवासी आरजू मल्लिक ने उसके खिलाफ मारपीट व अपहरण करने का प्रयास करने की प्राथमिकी दर्ज करवा दी। उसपर सीसीए भी लगा। आरजू उसके काम में अडंगा लगा रहा था। इस काम में आरजू का साथ निसार दे दहा था। इसी वजह से उसने निसार की हत्या की योजना बनायी।