पर्यावरण से प्रेम का पढ़ा रहे पाठ
जासं, बोकारो: पर्यावरण संरक्षण के मसले पर बच्चे तो जागरूक हो गए हैं लेकिन युवा -बुजुर्ग की नींद कब ख
जासं, बोकारो: पर्यावरण संरक्षण के मसले पर बच्चे तो जागरूक हो गए हैं लेकिन युवा -बुजुर्ग की नींद कब खुलेगी इसका इंतजार है। नगर के विद्यालयों में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
इस कड़ी में दिल्ली पब्लिक स्कूल के बच्चों ने कदम बढ़ाया है। वे प्रकृति से प्रेम कर्म के जरिए दर्शा रहे हैं। इनका कहना है कि आप भी इस ओर कदम बढाइए और पर्यावरण संरक्षण के लिए पहल कीजिए। स्कूल प्रबंधन बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के प्रति भी सजग कर रहा है। विद्यालय परिसर में रिसाइकलिंग मशीन लगाई गयी है। इस मशीन के माध्यम से अनुपयोगी कागज व सामग्री रिसाइकिल कर कई उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं। रिसाइकलिंग मशीन से आकर्षक ग्री¨टग कार्ड, पेपर बैग इत्यादि बनाए जाते हैं। इन वस्तुओं का प्रयोग शिक्षक, शिक्षिकाएं व बच्चे करते हैं।
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कचरा प्रबंधन का खास ख्याल
स्कूल में वेस्ट मैनेजमेंट का खास ख्याल रखा जाता है ताकि बेकार वस्तुओं से पर्यावरण को नुकसान न हो। स्कूल में अधिकतर कागज का प्रयोग होता है। हर दिन रद्दी कागज को इकट्ठा किया जाता है और इसे पेपर रिसाइ¨क्लग मशीन में डाल दिया जाता है। रंगीन कागज से थैला, बैग व ग्री¨टग कार्ड बनाए जाते हैं। बच्चों, शिक्षकों व आगंतुकों को शुभकामना देने के लिए यहां का बना ग्रि¨टग कार्ड दिया जाता है। विद्यालय परिवार के सदस्य थैला का प्रयोग भी करते हैं।
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पेड़ बचाओ अभियान
डीपीएस की निदेशक व प्राचार्या डॉ हेमलता एस मोहन ने बताया कि रिसाइक¨लग मशीन के माध्यम से कई उपयोगी चीजें तैयार की जाती हैं। खुद करके देखने की प्रक्रिया का हिस्सा भी है रिसाइक¨लग मशीन। इंक्लूसिव एजुकेशन के प्रति विद्यालय विशेष सजग है। पर्यावरण सुरक्षा के प्रति 'ऊर्जा संरक्षण', 'चलो गांव की ओर', 'स्वच्छ भारत अभियान', 'पेड़ बचाओ अभियान' इत्यादि कार्यक्रम की दिशा में ही यह एक कड़ी है। विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने एक-एक पौधा को गोद लिया है और प्रत्येक बुधवार को विद्यार्थियों को गोद लिए वृक्ष-पौधे के नाम से पुकारा जाता है। बच्चे 'जॉय ऑफ गि¨वग वीक' मनाते हैं। दूसरों को खुशी देने के लिए बच्चे 'कल्प वृक्ष' पर अपनी भावनाएं अंकित करते हैं। 'ग्रीन ब्रिगेड', 'इको क्लब', 'ऑर्गेनिक फार्मिंग' आदि कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण से जुड़ी बातें सिखाई जाती हैं। बच्चे पर्यावरण संरक्षण को लेकर सजग हैं।