भाजपा से भावनात्मक जुड़ाव : सालखन
बोकारो : अब तक अलग-अलग बात करनेवाले पूर्व सांसद सालखन मुर्मू का भाजपा में आते ही सुर बदल गया है। पूर्व सांसद का गुरुवार को बोकारो पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सालखन ने कहा कि वे पूर्व में भाजपा में थे और फिर इस पार्टी में लौट गए हैं। वे कभी भी भावनात्मक रूप से भाजपा से अलग नहीं हुए।
उन्होंने अपनी और पार्टी की उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि अटलजी की सरकार में प्रदेश अस्तित्व में आया। उनके समय में ही संताली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया। वन में रहनेवालों को वनाधिकार मिला। यूपीए के राज में आदिवासियों का केवल शोषण हुआ। यूपीए गठबंधन का जनाधार समाप्त हो गया है।
पूर्व सांसद ने विधायक सीता सोरेन का पक्ष लेते हुए कहा कि जब 1993 में कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए शिबू सोरेन ने घूस ली थी तो उन्हें विशेष प्रावधान के तहत छोड़ दिया गया। उस प्रावधान का लाभ सीता सोरेन को भी मिलना चाहिए अन्यथा उनलोगों को भी जेल भेजा जाना चाहिए। मौके पर जिलाध्यक्ष अंबिका खवास, जिला परिषद अध्यक्ष मिहिर कुमार सिंह, सागर सिंह चौधरी, कृष्ण कुमार मुन्ना, संजय त्यागी, राजीव कंठ, कमलेश राय आदि उपस्थित थे।