बियाडा के प्लॉट पर प्रभावी लोगों का कब्जा
बोकारो : बोकारो औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) के जीर्णोद्धार के सरकारी प्रयास में यहां के तथाकथित उद्यमी ही बाधक बन रहे हैं। स्थिति यह है कि फिलहाल बियाडा के पास बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है। मजबूरन कई आवेदन लटके हुए हैं। बियाडा की जमीन कब्जाने में उद्यमियों के साथ यहां के नेता भी पीछे नहीं हैं। आधा दर्जन नेता ऐसे हैं जो प्लॉट आवंटित कराने के बाद उत्पादन शुरू नहीं करा सके या फिर उसे संचालित नहीं करा सके। आज बियाडा प्रबंधन सक्षम उद्योगों को जमीन देने के लिए परेशान हो रहा है।
पांच सौ छोटे-बड़े उद्योगों में दो सौ ही संचालित : वर्ष 1969 में जब बियाडा की स्थापना हुई तब यह योजना थी कि यह राज्य का सबसे बड़ा एवं समृद्ध औद्योगिक क्षेत्र बनेगा। इस क्षेत्र की खास बात यह थी कि बिहार का पहला बहुराष्ट्रीय कंपनी बासफ इंडिया की स्थापना यहां हुई लेकिन सरकारी उदासीनता से आज मुश्किल से 100 उद्योग ही अच्छे ढंग से चल रहे हैं। बताया गया कि 90 के दशक में बियाडा के प्रबंधकों ने यहां की जमीन की बंदरबांट करते हुए आधी से अधिक जमीन फर्जी एवं वैसे लोगों को आवंटित कर दी जिनका उद्देश्य कारखाना चलाना था ही नहीं।
कई नेताओं व उनके परिजन को मिला भूखंड : बियाडा में उद्योग लगाने के लिए जमीन केवल उद्यमियों को ही नहीं मिली बल्कि कई रसूख वाले नेताओं को भी यहां की जमीन दी गई जिसका उपयोग आज तक नहीं हुआ। दो दर्जन से अधिक प्लॉट बोकारो इस्पात के अधिकारियों ने अपने बच्चों के नाम से लिए। जब तक वे पावर में रहे, अपनी इकाई के नाम से आर्डर देते रहे। जब पावरलेस हुए तो उनकी कंपनी बंद हो गई। इन उद्यमियों में स्व. दुर्गा सोरेन एवं उनकी पत्नी सीता सोरेन के नाम से दो औद्योगिक प्लॉट, पूर्व महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सावित्री सिंह, पूर्व बियाडा अध्यक्ष सुरेंद्र यादव, वर्तमान विधायक समरेश सिंह, कांग्रेस नेता एबी राय, भाजपा नेता रोहित लाल सिंह के परिजनों के नाम से औद्योगिक इकाई का प्लॉट आवंटित हुआ। इनमें से कुछ तो संचालित हैं, शेष केवल प्लॉट आवंटित कराकर जमीन कब्जा करने तक ही रह गए।
''उद्योग सचिव एवं प्रबंध निदेशक का इस मामले में स्पष्ट निर्देश है कि जो उद्यमी जमीन लेने के बावजूद संचालन नहीं कर रहे हैं, उनका आवंटन रद करने की कार्रवाई की जाए। इसके लिए कई उद्योगों का निरीक्षण भी प्रबंध निदेशक स्तर से किया गया है।
- एसएन उपाध्याय, सचिव, बियाडा