किश्तवाड़ की सड़कें बदहाल, लोगों का जीना हुआ मुहाल
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : जिला किश्तवाड़ में संपर्क सड़कों की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। जि
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : जिला किश्तवाड़ में संपर्क सड़कों की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। जिला के अंदर जितनी भी सड़कें हैं उन पर तारकोल बिछाए हुए काफी समय हो चुका है। जो सड़कें पीएमजीएसवाई के तहत बनाई जा रही सड़कों का काम पूरा नहीं हो पाया है। नए काम तो दूर जो सड़कें पहले से बनी हुई हैं, उनमें से आधे से ज्यादा बंद पड़ी हैं। उन्हें खोलने का काम जारी है। किया जा रहा है।
गुलाबगढ़-लगरी पलाली सड़क का काम 2008-09 में शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक पांच किलोमीटर सड़क नहीं बन पाई है। इसी प्रकार पडियारना से वातन सड़क का काम भी पिछले छह साल से जस के तस है। इन पर तारकोल तो दूर अभी तक कंकर भी नहीं बिछाया गया। यहीं हाल किरू सड़क का भी है।
पीएमजीएसवाई के एक्सईएन से प्राप्त जानकारी मुताबिक जिला में 38 स्कीमें मंजूर हुई थीं, जिसमें फेज दो से नौ तक की 21.803.16 लाख लागत है। बनने के बाद कुल 253.85 किलोमीटर सड़क का लाभ 61 इलाकों में मिलेगा। जिनमें 21 इलाकों में आबादी एक हजार से ज्यादा है। अठारह इलाकों में पांच सौ से ज्यादा और तेरह इलाकों में 250 से लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। 38 में से 26 योजनाएं फेज वन की हैं। बारह योजनाएं फेज दो की हैं। जिन पर तारकोल बिछाई जानी है। इन 26 योजनाओं की कुल लागत 16803.34 लाख रुपये मंजूर हुए हैं। बारह योजनाओं के लिए 4999.82 लाख रुपये मंजूर हुए हैं। मार्च 2017 तक चौदह सड़कें फेज वन की पूरी हो चुकी हैं। जिनकी लंबाई 109.075 किलोमीटर है। जिनमें 47 इलाके जुड़े हुए हैं।
इस बारे में पीएमजीएसवाई किश्तवाड़ डिवीजन के एक्सईएन गिलकार अहमद ने बताया कि पहले पैसों की कमी थी, लेकिन अब पैसा आ रहा है। इस कारण सड़कों को चौड़ा करने का काम तेजी से किया जा रहा है। मंत्री ने हिदायत दी है कि जो काम रुके हुए हैं उन्हें 15 मई से पहले शुरू किया जाए। कुछ नई योजनाओं के टेंडर भी किए जा रहे हैं, लेकिन कुछ पुरानी सड़कों के काम कानूनी प्रतिक्रिया या लोगों द्वारा लिए गए अदालती आर्डर की वजह से रूके हुए हैं।
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क्या कहते हैं पीडब्ल्यूडी राज्य मंत्री
पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुनील शर्मा ने बताया कि पीएमजीएसवाई विभाग को हिदायत दी है कि जितने भी पुराने काम हैं। उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। जिन नई सड़कों के लिए सर्वे कर के योजना बनाई गई हैं। उस पर भी जल्द से जल्द टेंडर करवा कर काम शुरू किया जाएगा।