यहां जेनरेटर रूम में होते हैं पोस्टमार्टम
अमित माही, ऊधमपुर सरकार के तमाम दावों के विपरीत सरकारी अस्पतालों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जिंदा
अमित माही, ऊधमपुर
सरकार के तमाम दावों के विपरीत सरकारी अस्पतालों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जिंदा रहने पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं होतीं, मरने के बाद सही तरह से पोस्टमार्टम तक नहीं हो पाता। सरकारी अस्पतालों में वैसे तो शवों को मुर्दाघर में रखा जाता है, जहां उनका पोस्टमार्टम होता है। मगर चिनैनी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) में शवों को मुर्दाघर की बजाय जेनरेटर के कमरे में रखा जाता है।
स्थिति यह है कि जेनरेटर के कमरे में न तो वेंटीलेशन की व्यवस्था है और न ही पानी का प्रबंध, जिससे कई बार डॉक्टरों और स्टाफ को पोस्टमार्टम करने में दिक्कत होती है। चिनैनी सीएचसी की चार ब्लॉक वाली इमारत का वर्षो से निर्माण हो रहा है, लेकिन आज तक यह पूरी नहीं हो पाई है। सितंबर 2015 में नई इमारत में सीएचसी को शिफ्ट किया गया था। उस समय केवल इमरजेंसी व ओपीडी ब्लॉक ही बनकर तैयार हुए थे। ऑपरेटिव व एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक अभी भी बनने हैं।
आधी अधूरी इस इमारत में शव को रखने और पोस्टमार्टम के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। संदिग्ध मौत और हादसों के मामले में पोस्टमार्टम अनिवार्य होता है। डेढ़ साल से सीएससी में जेनरेटर के लिए बनाए गए कमरे का इस्तेमाल शव रखने और उनका पोस्टमार्टम करने के लिए किया जा रहा है। जेनरेटर रूम को ओपीडी के पास बनाया गया है।
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वेंटीलेशन और पानी का अभाव
शव को रखने और पोस्टमार्टम के लिए जेनरेटर रूम का प्रयोग तो किया जा रहा है, लेकिन यह मानकों के अनुरूप नहीं है। यहां वेंटीलेशन तक की सुविधा नहीं है। कमरे में दरवाजे की जगह लोहे का शटर लगा है। कमरे में पोस्टमार्टम के लिए दो स्लैब बने हैं, लेकिन पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। पानी की जरूरत या तो बाल्टी से ढोकर पूरा किया जाता है या प्लास्टिक की पाइप लगाकर। सामान्य शव को रखने या उसके पोस्टमार्टम में तो दिक्कत नहीं होती, लेकिन क्षतविक्षत शव के पोस्टमार्टम में डॉक्टरों और सहयोगी स्टाफ की हालत खराब हो जाती है।
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पोस्टमार्टम रूम का जल्द निर्माण होगा
इमारत के दो ब्लॉक और पोस्टमार्टम रूम बनना शेष है। पोस्टमार्टम रूम जहां बनाया गया है, वह जेनरेटर के लिए बनाया गया था, लेकिन जमीन के धंसने से जेनरेटर को शिफ्ट कर ओपीडी के पास लगाया गया। खाली पड़े इस कमरे को पोस्टमार्टम रूम व मार्चरी के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। मगर यहां पोस्टमार्टम करने और शव रखने में दिक्कत होती है। आज ही विभाग के इंजीनियर आए थे। उन्होंने बताया कि पैसा जारी हो गया है। प्राथमिकता के आधार पर पोस्टमार्टम रूम का निर्माण किया जाएगा।
-डॉ. यासीन, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, पंचैरी