मलबे में दबे मवेशियों की दुर्गध ने किया जीना मुहाल
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर बारिश के बाद फिर से जिंदगी शुरू करने की कोशिश कर रहे प्रभावित लोगों की परे
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर
बारिश के बाद फिर से जिंदगी शुरू करने की कोशिश कर रहे प्रभावित लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही। बड़े स्तर पर प्रभावित इलाकों में तो प्रशासन के साथ सभी लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन ऊधमपुर के क्रिमची मानसर इलाके के ऊपरी पहाड़ी पर स्थित कांडल गांव में प्रभावित परिवार की सुध लेने कोई नहीं पहुंचा। अब तो भूस्खलन होने के बाद मलबे में दबे मवेशियों से उठने वाली दुर्गध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
शनिवार को इलाके के दौरे पर गए विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया को कांडल में रहने वाले सराजदीन पुत्र मुहम्मद शफी ने बताया कि बारिश के दौरान सात सितंबर को हुए भूस्खलन होने से उसके दस मवेशी मलबे के नीचे दब कर मारे गए। इनको मलबे से निकालना उसके बस की बात नहीं है। मलबे में दबे मवेशियों के शव से कुछ ही दिनों के बाद दुर्गध उठनी शुरू हो गई थी, जो समय के साथ अब असहनीय होती जा रही है। दुर्गध के कारण लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन ने मलबे में दबे मवेशियों को निकाल कर उनकी समस्या हल करने के लिए कोई कदम उठाना तो दूर उनका हाल जाने के लिए भी किसी को नहीं भेजा है।
उसने कहा कि पंचैरी के सदल और ऐसी अन्य प्रमुख जगहों पर प्रभावित लोगों तक प्रशासन और हर कोई पहुंच रहा है, जबकि उन जैसे अन्य कई लोगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया ने मुहम्मद शफी और उसके परिवार की समस्या को हल कराने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।