आतंकियों ने सुरक्षाबलों के मुखबिरों को सार्वजनिक तौर पर निर्ममता से पीटा
पहला मौका है जब घाटी के गांव में आतंकियों ने घेराबंदी कर तलाशी ली फिर सुरक्षाबलों के मुखबिरों को सार्वजनिक तौर पर पीटा हो।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । एक पुलिसकर्मी के हथियारों संग भागने के बाद शनिवार को जिस समय पूरे दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एलर्ट का एलान कर रखा था, उसी समय पुलवामा जिले के विभिन्न इलाकों में हथियारबंद आतंकियों का एक दल बेखौफ होकर ग्रामीणों को उनके घरों से निकाल सडक़ पर पीट रहा था। आतंकियों को जिस पर भी सुरक्षाबलों के लिए मुखबिरी करने का संदेह हुआ, उन्होंने उसे ही निर्ममता से पीटा।
हालांकि पुलिस इस घटना पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। लेकिन संबधित सूत्र बताते हैं कि पुलवामा के नैरा गांव में शनिवार को आतंकियों ने करीब दो दर्जन ग्रामीणों को घरों से बाहर निकाल पीटा। इनमें सिर्फ तीन ही पुलिस के एसपीओ थे जबकि गांव में रहने वाले किसी अन्य पुलिसकर्मी के घर आतंकी नहीं गए।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने गांव में ठीक वैसे ही घेराबंदी कर, मकानों की तलाशी ली जैसे सुरक्षाबल करते हैं। आतंकियों ने मस्जिदों से एलान भी कराया और कुछ लोगों के नाम लेते हुए कहा कि यह सभी लोग आकर सार्वजनिक तौर पर अपने गुनाह कबूल माफी मांगे। गुनाह था कि वह सुरक्षाबलों के साथ संबंध रखते हैं।
आतंकियों की मार खाने के बाद कई पीडि़तों ने गांव छोड़ दिया है। इनमें दो सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं।
एसएसपी पुलवामा मोहम्मद असलम चौधरी ने कहा कि आतंकियों द्वारा ग्रामीणों को पीटे जाने की अफवाह हमने भी सुनी है। किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। इसके बावजूद हम पता लगा रहे हैं कि नैरा गांव में शनिवार की रात को आखिर हुआ क्या था।
बीते 15 सालों में यह पहला मौका है जब कश्मीर घाटी में किसी गांव में आतंकियों ने घेराबंदी कर तलाशी ली और फिर सुरक्षाबलों के कथित मुखबिरों को सार्वजनिक तौर पर पीटा हो।
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