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जरूरी है कि कश्मीर पर्यटकों को यहां के हालात से अवगत कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा-राज्य में पर्यटन के लिए आने वालों में कई तरह के डर पैदा हुए, पर्यटकों को यहां के हालात से अवगत कराना जरूरी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 02:51 PM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 03:33 PM (IST)
जरूरी है कि कश्मीर पर्यटकों को यहां के हालात से अवगत कराया जाए।
जरूरी है कि कश्मीर पर्यटकों को यहां के हालात से अवगत कराया जाए।

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को मीडिया के कुछ वर्गों द्वारा जम्मू-कश्मीर के प्रति देश-दुनिया में पैदा किए गए नकारात्मक भाव को दूर करने के लिए पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी लोगों से सहयोग का आग्रह किया।

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उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाने के लिए यह जरूरी है। पर्यटन सलाहकार बोर्ड (टैब) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हालात को लेकर बहुत भ्रम फैलाया गया है। इससे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन के लिए आने के इच्छुक लोगों में कई तरह के डर पैदा हुए हैं। इसलिए जरूरी है कि पर्यटकों को यहां के हालात से अवगत कराया जाए।

बैठक में राज्य की प्रस्तावित पर्यटन नीति के प्रारूप पर भी चर्चा हुई, लेकिन अंतिम फैसला संबंधित पक्षों की निकट भविष्य में होने वाली बैठक तक टाल दिया गया। अगली बैठक में इस पर दोबारा चर्चा होगी। नागरिक सचिवालय में हुई इस बैठक में पर्यटन राज्यमंत्री प्रिया सेठी, पूर्व केंद्रीय पर्यटन सचिव परवेज दीवान, राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और पर्यटन जगत से जुड़ी हस्तियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और देश-दुनिया के अन्य हिस्सों के लोगों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए पर्यटन ही बेहतर जरिया है। यहां से घूमकर जाने वाले पर्यटक हालात और व्यापार के सबसे बड़े राजदूत होते हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन जगत के लोगों से अपने कामकाज में विस्तार करते हुए कुछ ऐसी चीजें शामिल करने को कहा, जो पर्यटकों की आमद बढ़ा सकें।

उन्होंने धनाढ्य वर्ग के पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कश्मीर में उपलब्ध दुनिया के बेहतरीन गोल्फ कोर्साें का लाभ लेने और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कार्पाेरेट जगत से संवाद करने को कहा। उन्होंने मस्जिदों, जियारतगाहों व खानकाहों को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने का निर्देश दिया।

श्रीनगर और जम्मू स्थित नागरिक सचिवालय परिसर में सरकारी कार्यालयों के लिए जगह की कमी दूर करने के लिए 150 करोड़ की लागत से अतिरिक्त ब्लॉक बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने निर्माण एजेंसियों व योजनाकारों को सरकारी विभागों के कार्यालय परिसरों की निर्माण योजना को आवश्यकता अनुसार तैयार करने का निर्देश दिया।

सरकारी विभागों की आवासीय स्थिति का संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक में जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना तैयार करते समय सरकारी कार्यालयों के कार्यो की विविध और बदलते स्वरूप को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ठोस कंक्रीट का ढांचा बनाने के बजाय विभाग के पास विशिष्ट इमारत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग के कार्यालय परिसर में एक ही छत के नीचे सार्वजनिक सुविधा, विश्रम कक्ष, वेटिंग रूम और कांफ्रेंस रूम होना चाहिए ताकि विभाग बिना किसी कठिनाई के कार्य कर सके। इस मौके पर मुख्यमंत्री को बताया गया कि श्रीनगर और जम्मू में लगभग 150 करोड़ की लागत से सिविल सचिवालय परिसर में अतिरिक्तकार्यालय ब्लॉकों का निर्माण किया जाएगा। यह ब्लॉक मॉड्यूलर पैटर्न पर बनाए जाएंगे, जिसमें किसी भी विभाग का कार्यालय परिसर एक ही विंग या मंजिल पर होगा। महबूबा मुफ्ती ने किसी भी निर्माण योजना को निर्धारित समयावधि में तय लागत में तैयार कर उन्हें क्रियाशील बनाने को कहा।

उन्होंने नागरिक सचिवालय जम्मू व श्रीनगर में प्रस्तावित निर्माण में हर वर्ष दो मंजिलों के पूरा करने का निर्देश दिया। बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में अन्य महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं पर काम की गति की भी समीक्षा की।

उन्होंने राज्य के सभी पांच मेडिकल कॉलेज, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेजों और अन्य संपर्क परियोजनाओं पर प्रगति की समीक्षा की। महबूबा मुफ्ती को बताया गया कि अनंतनाग में पोशवारी पुल तैयार हो चुका है। उसे जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

जबकि सल्लर पुल इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। बैठक में बताया गया कि सफापुरा और कठुआ में दो इंजीनियरिंग कॉलेजों और सभी पांच पॉलीटेक्निक कॉलेजों पर काम में तेजी आई है। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं पर आगे काम करने का निर्देश दिया। ताकि नियमित कक्षाएं जल्द शुरू हो जाएं।

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