गिलानी ने नईम खान को हुर्रियत से निकाला
जब तक यह जांच पूरी नहीं होती नईम की हुर्रियत कांफ्रेंस में एलओसी के आर-पार की इकाइयों में प्राथमिक सदस्यता निलंबित रहेगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। अलगाववादी नईम अहमद खान पर अब स्टिंग ऑपरेशन भारी पड़ने लगा है। एनआइए ने जहां नईम को हिरासत में लेने की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने नईम को हुर्रियत से बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता को निलंबित कर दिया है।
नेशनल फ्रंट के चेयरमैन नईम अहमद खान को पिछले साल ही गिलानी ने कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस का प्रांतीय प्रधान नियुक्त किया था। स्टिंम में कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए पाकिस्तान से पैसा लेने की बात कुबूलने के बाद गिलानी ने शनिवार शाम को ही नईम को हुर्रियत से निलंबित करने का फैसला किया। गिलानी ने एक बयान जारी कर कहा कि हमने नईम खान के मामले पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाई थी। इसमें नईम खान ने भी हिस्सा लेना था, लेकिन पुलिस ने बैठक नहीं होने दी। हालांकि नईम ने मीडिया के जरिए अपना पक्ष रखा है, लेकिन बतौर चेयरमैन यह मेरी जिम्मेदारी है कि इस पूरे मामले की जांच कर सच्चाई लोगों तक पहुंचाई जाए।
जब तक यह जांच पूरी नहीं होती नईम खान व उनके संगठन की हुर्रियत कांफ्रेंस में एलओसी के आर-पार की इकाइयों में प्राथमिक सदस्यता निलंबित रहेगी। गिलानी ने कहा कि वर्ष 2016 में जो लोग सड़कों पर आए, वह अचानक ही बुरहान की मौत से प्रभावित होकर भारत के खिलाफ खड़े हुए थे। इसमें पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का एक प्रमुख पक्ष है। वह हमारी तहरीक का सियासी व नैतिक समर्थक है। हम अपनी तहरीक चलाने के लिए वित्तीय मदद प्रमुख तौर पर स्थानीय स्तर पर ही जुटाते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया कश्मीर की तहरीक को नुकसान पहुंचाने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
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कश्मीर में जारी तहरीक में पाक की भूमिका और सहयोग को हम क्यों नकारें। वह इस विवाद का एक प्रमुख पक्षकार है। वह हिंदुस्तान के खिलाफ कश्मीरियों का सियासी और नैतिक समर्थन कर रहा है।
-नईम खान, अलगाववादी नेता