Move to Jagran APP

आतंकियों और अलगाववादियों के समर्थक भीड़ ने डीएसपी को पीट-पीट कर मार डाला

जब तक वह हिंसक भीड़ को खदेड़ते,भीड़ की मार से डीएसपी की मौत हो चुकी थी। इसके साथ ही वहां हिंसक भीड़ और पुलिसकर्मियों के बीच झढ़पें शुरु हो गई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 11:01 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 05:31 PM (IST)
आतंकियों और अलगाववादियों के समर्थक भीड़ ने डीएसपी को पीट-पीट कर मार डाला
आतंकियों और अलगाववादियों के समर्थक भीड़ ने डीएसपी को पीट-पीट कर मार डाला

 श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । शब ए कद्र की मुबारक रात को जब पूरी दुनिया में मुस्लिम अपने गुनाहों से तौबा करते हुए खुदा की इबादत में डूबे हुए थे,उस समय ग्रीष्मकालीन राजधानी में  स्थित एतिहासिक जामिया मस्जिद  के बाहर आतंकियों और अलगाववादियों के समर्थक भीड़ ने राज्य पुलिस के एक डीएसपी  मोहम्मद अयूब पंडित को  पीट-पीट कर मार डाला।  डीएसपी ने जान बचाने के लिए गोली भी चलाई, उसे भीड़ से छुड़ाने के लिए वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने लाठियां भी भांजी,लेकिन नाकाम रहे। अलबत्ता,इस दौरान डीएसपी की पिस्तौल से निकली गोलियों से तीन युवक जख्मी हो गए। 

loksabha election banner

अलबत्ता, राज्य पुलिस महानिदेशक डा एसपी वैद के अनुसार, शब-ए-कद्र के मुबारक मौके पर कोई विध्वंसकारी तत्व मस्जिद में दाखिल न हो पाए,इसके लिए मस्जिद के प्रवेश द्वार पर राज्य पुलिस के सुरक्षा विंग के डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित को उनके मातहत अधिकारियों व जवानों के साथ वहां तैनात किया गया था। यह सभी लोग वहां सादे कपड़ों में थे। इसी दौरान शरारती तत्वों ने उन पर हमला कर दिया। 

पुलिस के इस दावे पर स्थानीय लोगों को यकीन नहीं है,क्योंकि दिवंगत की पहचान के बारे में  कोई भी अधिकारी घटना के दो से तीन घंटे बाद तक बताने में समर्थ नहीं था। सभी कह रहे थे कि यह किसी खुफिया एजेंसी का गैर मुस्लिम अधिकारी है। 

दिवंगत के पड़ौसियों और रिश्तेदारों के मुताबिक, वह करीब एक माह पहले ही राज्य  पुलिस के सुरक्षा विंग में स्थानांतरित हुआ था। इससे पूर्व वह पुलिस अकादमी में बतौर लॉ इंस्ट्रक्टर तैनात था। वह जामिया मस्जिद के साथ सटे खानयार का रहने वाला था। उसके परिजनों के मुताबिक, वह नमाज अदा करने गया था। 

जिस समय डीएसपी को बाहर भीड़ ने मौत के घाट उतारा,उस समय मस्जिद के भीतर उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक लोगों को इस्लाम का पाठ पढ़ाते हुए अमन,दयानतदारी और भाईचारे की सीख दे रहे थे। 

बताया जाता है बीती रात को शब-ए-कद्र थी। इस मुबारक मौके पर स्थानीय मस्जिदों,खानकाहों और दरगाहों में लोग नमाज- इबादत के लिए जमा हुए थे। शब-ए-कद्र को सामान्यतौर पर इस्लाम के मानने वाले मस्जिदों में ही पूरी रात इबादत में गुजारते हैं। 

श्रीनगर की एतिहासिक जामिया मस्जिद में इस मौके पर एक बहुत बड़ी मजलिस होती है। डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित मस्जिद के बाहरी गेट से कुछ ही दूरी पर खड़े थे। उन्होंने अपना मोबाईल फोन निकाला और किसी से बात करने लगे। कहा जाता है कि इससे वहां मौजूद कुछ लडक़ों को उन पर संदेह हुआ कि वह उनकी रिकार्डिंग कर रहे हैं और वह किसी खुफिया एजेंसी के अधिकारी है। कुछ लोगों का दावा है कि उन्हें वहां किसी पत्थरबाज ने  पहचान लिया था और उसके बाद भीड़ पुलिस अधिकारी पर टूट पडी।

एक युवक ने कथित तौर पर उनका पिस्तौल छीन, उन्हीं पर गोली चलाने का प्रयास किया। लेकिन हाथापाई में वह उन्हें गोली नहीं मार पाया और तीन अन्य युवक जो वहां डीएसपी की पिटाई कर रहे थे,गोली लगने से जख्मी हो गए। इनकी पहचान दानिश मीर, मुदस्सर अहमद और सज्जाद अहमद बट के रुप में हुई है। तीनों को उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है। 

इस बीच,गोली चलने की आवाज से वहां अफरा-तफरी मच गई। जामिया से कुछ दूरी पर तैनात पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ के जवान गोली की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने वहां एक व्यक्ति को पिटते देख,उसे बचाने के लिए लाठियां और आंसू गैस शरारती तत्वों पर इस्तेमाल की। लेकिन जब तक वह हिंसक भीड़ को खदेड़ते,भीड़ की मार से डीएसपी की मौत हो चुकी थी। इसके साथ ही वहां हिंसक भीड़ और पुलिसकर्मियों के बीच झढ़पें शुरु हो गई। 

हालात को काबू करने के लिए पुलिस  को लाठियां,आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। आंसू गैस के कारण जामिया मस्जिद के भीतर  मौजूद श्रद्घालुओं को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

दिंवगत डीएसपी की पहचान को लेकर काफी देर तक संशय बना रहा। नौहटटा पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी, संंबधित डीएसपी और एसपी समेत कोई भी पुलिसकर्मी या अधिकारी उसकी पहचान करने में समर्थ नहीं हो पाया। सभी दावा करने लगे कि दिवंगत किसी केंद्रीय खुफिया एजेंसी का अधिकारी है। बाद में जब दिवंगत के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया तो पता चला कि मरने वाला कोई गैर मुस्लिम नहीं बल्कि राज्य पुलिस के सुरक्षा विंग में तैनात डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित है। दिवंगत जामिया मस्जिद के साथ सटे खानयार का रहने वाला था। 

सुबह आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसका शव उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने भी इस सिलसिले में एक मामला दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है। दिवंगत पुलिस अधिकारी की पिस्तौल की तलाश की जा रही है। 

 यह भी पढ़ें: भैरो घाटी मार्ग पर आवाजाही शुरू

यह भी पढ़ें: ट्रेन से गिरकर माता वैष्णो देवी श्रद्धालु की मौत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.