जम्मू कश्मीर सरकार की जीएसटी विधेयक को लेकर आज सर्वदलीय बैठक
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी केंद्रीय कानून विधानसभा के अनुमोदन के बिना लागू नहीं हो सकता।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । जम्मू कश्मीर सरकार ने जीएसटी विधेयक को लेकर आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राज्य विधानसभा के कुछ दिन पहले आयोजित सत्र में इस बिल पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी। सरकार का कहना है कि अगर वो चाहे तो बिल को पास कर सकती है लेकिन राज्य सरकार सभी दलों की सहमति चाहती है। बैठक शाम 4 बजे नेहरु गेस्ट हाउस में शुरु होगी।
गौरतलब है कि देश में 1 जुलाई से जीएसटी लागू हो रहा है और जम्मू-कश्मीर विधानसभा से यह पारित नहीं हो सका है।वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सर्वसम्मति से लागू करते हुए आर्थिक संप्रभुता को यकीनी बनाए रखने का रोडमैप तैयार करने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित सर्वदलीय समिति की बैठक शनिवार को होगी। समिति की रिपोर्ट पर ही राज्य सरकार राज्य में जीएसटी को लागू करने का अंतिम फैसला लेते हुए संबंधित अधिनियम का प्रारूप तय करेगी।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि वित्तमंत्री डॉ. हसीब द्राबु के कार्यालय से आज सर्वदलीय समिति के सभी सदस्यों को बैठक में भाग लेने के लिए औपचारिक पत्र भेजे गए हैं। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग के नेतृत्व वाली इस समिति में नेकां के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्तमंत्री अब्दुल रहीम राथर, पीडीपी के महासचिव निजामदीन बट, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन और विधायक हकीम मुहम्मद यासीन, माकपा विधायक मुहम्मद यूसुफ तारीगामी, कांग्रेस विधायक एजाज अहमद खान, डीपीएन प्रमुख गुलाम हसन मीर, निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद और पवन गुप्ता भी शामिल हैं।
पीडीएफ के चेयरमैन हकीम मुहम्मद यासीन ने सर्वदलीय बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि मुझे आज ही न्योता मिला है। मैं इसमें जरूर भाग लूंगा। यह बैठक शनिवार की शाम चार बजे नेहरु गेस्ट हाउस में होगी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी केंद्रीय कानून विधानसभा के अनुमोदन के बिना लागू नहीं हो सकता। राज्य सरकार ने देश के अन्य भागों की तरह पहली जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू करने के लिए, राज्य संविधान में केंद्रीय संविधान 101वें संशोधन को विस्तार देने के लिए गत शनिवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन विपक्ष और व्यापारिक संगठनों के दबाव के बाद सत्र बिना जीएसटी प्रस्ताव को पारित किए स्थगित हो गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय समिति गठित करने का एलान किया था।
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