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आतंकियों से कैसे निपटना है, हमें आता है : डीजीपी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने शुक्रवार को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jul 2017 02:11 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 02:11 AM (IST)
आतंकियों से कैसे निपटना है, हमें आता है : डीजीपी
आतंकियों से कैसे निपटना है, हमें आता है : डीजीपी

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने शुक्रवार को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी जाकिर मूसा के अल कायदा में शामिल होने की चर्चाओं पर कहा कि वह अल-कायदा में है या किसी अन्य संगठन में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बंदूक उठाने वाला किसी भी संगठन में हो, हमारे लिए आतंकी ही है। आतंकियों से कैसे निपटना है, यह हमें आता है।

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पुलिस गोल्फ कोर्स में 30 जुलाई को होने जा रही 'मैराथन रन फार पीस इन कश्मीर' की जानकारी देते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ. वैद ने कहा कि कश्मीर में हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के चेयरमैन सलाहुद्दीन के बयान और आतंकी संगठनों में मतभेदों पर उन्होंने कहा कि यह आतंकी संगठनों को ही आपस में तय करने दीजिए। पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने में पूरी तरह समर्थ हैं।

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हताश आतंकी पुलिसकर्मियों के घरों में कर रहे तोड़फोड़ :

दक्षिण कश्मीर में बीती रात पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के घरों में आतंकियों द्वारा की गई तोड़फोड़ पर कड़ी कार्रवाई का संकेत देते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यह सिर्फ आतंकियों की हताशा है। हमने उनके स्थानीय सपोर्ट बेस को पूरी तरह तबाह कर दिया है, उनके अधिकांश ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) पकड़े जा चुके हैं या भाग चुके हैं। इससे हताश होकर ही अब आतंकी पुलिसकर्मियों के घरों में जाकर तोड़फोड़ कर रहे हैं।

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पुलिस कर रही एनआइए का पूरा सहयोग :

एनआइए की टीम को अलगाववादी नेताओं को दिल्ली ले जाने से राज्य पुलिस द्वारा रोके जाने का खंडन करते हुए डॉ. वैद ने कहा कि सभी सुरक्षा एजेंसियां आपस में मिलकर काम कर रही हैं। अलगाववादियों के खिलाफ राज्य पुलिस ने एनआइए का पूरा सहयोग किया है, सभी आवश्यक जानकारियां व दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए हैं। अलबत्ता, गिलानी, मीरवाइज और यासीन मलिक को एनआइए द्वारा गिरफ्तार किए जाने की संभावना पर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि यह एनआइए ही बता सकती है।

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कश्मीर में मैराथन से देंगे अमन बहाली का संदेश, पत्थरबाजी की घटनाएं भी कम होंगी :

रन फार पीस इन कश्मीर मैराथन का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि इसमें सभी वर्गाें के लोग भाग ले सकते हैं। लड़के-लड़कियों के अलग वर्ग रखे गए हैं। कुल इनामी राशि सवा तीन लाख के करीब है। उन्होंने बताया कि इस मैराथन के जरिए जहां कश्मीर में अमन बहाली का संदेश दिया जाएगा, वहीं यह आम लोगों और पुलिस के बीच समन्वय भी बढ़ाएगी। इसके अलावा स्थानीय युवक भी खेल व अन्य सकारात्मक गतिविधियों में भाग लेने को प्रोत्साहित होंगे। इससे पत्थरबाजी की घटनाएं भी कम होंगी, क्योंकि युवा खेल गतिविधियों में शामिल होंगे। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग होता है और अगर दिमाग स्वस्थ होगा तो नकारात्मक के बजाय सकारात्मक गतिविधियों की तरफ ही जाएगा। उन्होंने बताया कि मैराथन को पांच वर्गाें में बांटा गया है। फुल मैराथन सिर्फ पुरुषों के लिए है और इसमें कुल इनामी राशि 75 हजार है, जबकि पुरुषों ही हाफ मैराथन में और लड़कियों की हाफ मैराथन के लिए भी 57-57 हजार की इनामी राशि होगी। 14 वर्ष से कम आयुवर्ग के लड़कों की आठ किलोमीटर लंबी दौड़ में इनामी राशि 32 हजार और लड़कियों के वर्ग में अंडर 14 के लिए 6 किलोमीटर लंबी दौड़ होगी और उसमें भी कुल इनामी राशि 32 हजार ही है।

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