हुर्रियत प्रमुख मस्जिद में इस्लाम का पाठ पढ़ा रहे थे और बाहर भीड़ ने डीएसपी को पीटकर मार डाला
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : शब-ए-कद्र की मुबारक रात को जब पूरी दुनिया में मुस्लिम अपने गुनाहों से तौबा क
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : शब-ए-कद्र की मुबारक रात को जब पूरी दुनिया में मुस्लिम अपने गुनाहों से तौबा करते हुए खुदा की इबादत में डूबे थे, उस समय श्रीनगर में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के बाहर आतंकियों और अलगाववादियों की समर्थक भीड़ ने राज्य पुलिस के एक डीएसपी (डिप्टी सुप¨रटेंडेंट ऑफ पुलिस) मुहम्मद अयूब पंडित को पीट-पीटकर मार डाला। उस समय मस्जिद के भीतर उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक लोगों को इस्लाम का पाठ पढ़ाते हुए अमन की सीख दे रहे थे। डीएसपी जामिया मस्जिद के साथ ही सटे खानयार के रहने वाले थे, जिससे लोग उन्हें पहचानते भी थे। राज्य पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. एसपी वैद ने बताया कि हत्या में लिप्त दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीसरे की तलाश है।
डीजीपी डॉ. वैद के अनुसार, गुरुवार की रात यानी शब-ए-कद्र के मुबारक मौके पर कोई विध्वंसकारी तत्व मस्जिद में दाखिल न हो पाए, इसके लिए मस्जिद के प्रवेश द्वार पर राज्य पुलिस के सुरक्षा विंग के डीएसपी मुहम्मद अयूब पंडित को उनके मातहत अधिकारियों व जवानों के साथ वहां तैनात किया गया था। ये सभी लोग वहां सादे कपड़ों में थे। इसी दौरान मस्जिद के बाहरी गेट से कुछ ही दूरी पर खड़े डीएसपी मुहम्मद अयूब ने अपना मोबाइल निकाला और किसी से बात करने लगे। इससे वहां मौजूद कुछ लड़कों को उनपर संदेह हुआ कि वह उनकी रिकार्डिग कर रहे हैं और खुफिया अधिकारी हैं। कुछ लोगों का दावा है कि उन्हें वहां किसी पत्थरबाज ने पहचान लिया और उन पर हमला कर दिया। लोगों ने उन्हें पकड़ कर नारेबाजी शुरू कर दी। उन्हें पीटने लगे। इसके बाद वहां भीड़ जमा हो गई।
एक युवक ने उनकी पिस्तौल छीनकर उन्हीं पर गोली चलाने का प्रयास किया। लेकिन हाथापाई में तीन युवक जख्मी हो गए। इनकी पहचान दानिश मीर, मुदस्सर अहमद और सज्जाद अहमद बट के रूप में हुई है। इस बीच, गोली चलने की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे। उन्होंने वहां डीएसपी को पिटते देख उन्हें बचाने के लिए लाठियां और आंसूगैस का इस्तेमाल किया, लेकिन जब तक वह ¨हसक भीड़ को खदेड़ते, डीएसपी की मौत हो चुकी थी।
दिवंगत के रिश्तेदारों के मुताबिक, मुहम्मद अयूब करीब एक माह पहले ही राज्य पुलिस के सुरक्षा विंग में स्थानांतरित हुए थे। इससे पूर्व वह पुलिस अकादमी में बतौर लॉ इंस्ट्रक्टर तैनात थे।
----------
गुनाह से तौबा की थी रात :
एक माह चलने वाले पवित्र रमजान की 27वीं रात को शब-ए-कद्र कहा जाता है। इस मुबारक मौके पर मस्जिदों के साथ खानकाहों और दरगाहों में नमाज व इबादत होती है। लोग अपने-अपने गुनाहों से तौबा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन कुरान को आकार मिला था।
-----------