संशोधित..आतंकी सब्जार को दफनाया
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अलगाववादियों के बंद, प्रशासनिक पाबंदियों और विभिन्न इलाकों में छिटपुट ¨हसा क
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अलगाववादियों के बंद, प्रशासनिक पाबंदियों और विभिन्न इलाकों में छिटपुट ¨हसा के चलते रविवार को कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन लगभग ठप रहा। इस दौरान आतंकी सब्जार को सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में उसके पैतृक गांव रठसुना-त्राल (पुलवामा) में दफनाया गया। जनाजे में आजादी समर्थक और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी गूंजे।
श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न हिस्सों में सब्जार का गायबाना नमाज-ए-जनाजा भी पढ़ा गया। हालांकि उसके जनाजे में अलगाववादियों ने भी शिरकत करने का प्रयास किया था, लेकिन प्रशासन ने स्थिति को भांपते हुए पहले ही मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, शाहिद उल इस्लाम, कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी और शब्बीर शाह समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया। जबकि राजनीतिक पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर हिलाल व जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को पुलिस ने एहतियातन हिरासत में ले लिया। मलिक शनिवार को त्राल में आतंकी फैजान के जनाजे में शामिल हुए थे।
सुरक्षाबलों ने पिछले दिनों सोयमू त्राल में हिज्ब आतंकी सब्जार अहमद और उसके एक साथी फैजान को मार गिराया था। इन आतंकियों के मारे जाने पर अलगाववादियों ने 29 मई को कश्मीर बंद और 30 मई को त्राल चलो का आह्वान कर रखा है।
प्रशासन ने ¨हसा के मद्देनजर पूरे कश्मीर में निषेधाज्ञा और कर्फ्यू का सहारा लिया। आठ थाना क्षेत्रों के अलावा सोपोर, पल्हालन, पट्टन, पुलवामा, त्राल, पांपोर, शोपियां, कुलगाम में कर्फ्यू लगाया गया था। गांदरबल, अनंतनाग, काजीगुंड, बीजबेहाड़ा, बारामुला, हंदवाड़ा, बांडीपोर व कुपवाड़ा में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का सहारा लिया गया।
मोबाइल सेवाएं दोपहर 12 बजे तक बंद रखी गई। बाद में पोस्टपेड सेवा को बहाल किया गया। रेल सेवा को अगले आदेश तक बंद रखा गया है। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस व अर्धसैनिकबलों की तैनाती बढ़ाई गई थी। त्राल की तरफ आने जाने वाले रास्तों के अलावा कई सड़कों को भी आवाजाही के लिए बंद किया गया था।
बंद और प्रशासनिक पाबंदियों का असर सामान्य जनजीवन पर पड़ा। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों से वाहन नदारद रहे। कुछ इलाकों में ही तिपहिया वाहन या निजी वाहन नजर आए।
हालांकि स्थिति लगभग शांत रही, लेकिन आतंकियों के समर्थकों और शरारती तत्वों ने सुबह ही कई जगह प्रशासनिक पाबंदियों का उल्लंघन कर जुलूस निकालने का प्रयास करते हुए सुरक्षाबलों पर पथराव किया। सुरक्षाकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर लोगों को खदेड़ दिया, लेकिन शोपियां, पुलवामा, त्रेहगाम, मट्टन, कुलगाम और सोपोर में छह जगहों पर ज्यादा ¨हसक झड़पें हुई। पुलवामा में शरारती तत्वों ने सीआरपीएफ के शिविर पर भी हमले का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ा।
पुलिस ने ¨हसक झड़पों में किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों की मानें तो करीब एक दर्जन लोग जख्मी हुए हैं।
इस बीच, आतंकी सब्जार के जनाजे में शामिल होने के लिए हजारों लोग उसके गांव रठसुना त्राल पहुंचे। आजादी समर्थक और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों के बीच उसे दफनाया गया, लेकिन उससे पहले सात बार उसका जनाजा पढ़ा गया।