Move to Jagran APP

सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला, कैप्टन सहित तीन शहीद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी के साथ सटे पंजगाम में वीरवार तड़के चा

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 01:48 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 01:48 AM (IST)
सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला, कैप्टन सहित तीन शहीद
सैन्य शिविर पर आत्मघाती हमला, कैप्टन सहित तीन शहीद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एलओसी के साथ सटे पंजगाम में वीरवार तड़के चार बजे आतंकियों ने सेना के आर्टलरी रेजीमेंट के कैंप में घुसकर हथियारों के भंडार को उड़ाने की कोशिश की। आत्मघाती हमले में एक कैप्टन समेत तीन सैन्यकर्मी शहीद व पांच जवान घायल हो गए। आमने-सामने की भिड़त में दो पाकिस्तानी आतंकी मारे गए और तीसरा जख्मी हालत में भाग निकला। इस तरह हथियारों के डिपो को उड़ाने की साजिश विफल हो गई। 2017 में सैन्य शिविर पर यह पहला बड़ा आतंकी हमला है। पाक समर्थित आतंकी यहां उड़ी हमले को दोहराना चाहते थे। आतंकियों ने उड़ी में पिछले साल 18 सितंबर को सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया था, जिसमें 20 जवान शहीद हो गए थे।

loksabha election banner

हमले में शहीद सैन्यकर्मियों की पहचान 26 वर्षीय कैप्टन आयुष यादव निवासी कानपुर, सूबेदार भूप सिंह निवासी राजस्थान और नायक बीवी रामन्ना निवासी विशाखापत्तन आंध्रप्रदेश के रूप में हुई है।

स्वचालित हथियारों से लैस तीन आतंकी तड़के चार बजे पंजगाम स्थित आर्टलरी रेजीमेंट के शिविर में पिछली ओर पहाड़ी की तरफ प्रताप गेट के पास से दाखिल हुए। रोजाना तड़के शिविर से जवानों का एक दल नियमित गश्त के लिए निकलता है, जबकि रात को गश्त पर गया दल लौटता है। आंतकियों ने हमले के लिए यही समय चुना। सुबह संतरी ने फौजी वर्दी में तीन लोगों को पिछली तरफ से आते देख संदेह के आधार पर रोका। इसपर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंकते हुए फायरिंग शुरू कर दी। इसमें संतरी जख्मी हो गया और आतंकी शिविर में दाखिल हो गए। शिविर में गोलियों की गूंज से सभी जवान और अधिकारी सतर्क हो गए। उन्होंने पोजीशन ली और जवाबी कार्रवाई की। तीन अन्य सैन्यकर्मी आतंकियों की पोजीशन का पता लगाने के प्रयास में उनकी गोलियों का शिकार होकर जख्मी हो गए। पांचों घायल सैन्यकर्मियों को वहां से हटाते हुए अन्य जवानों ने आतंकियों को मार गिराने का अभियान शुरू किया। करीब साढ़े तीन घंटे तक आतंकियों और जवानों के बीच भीषण गोलीबारी हुई। इस दौरान कैप्टन आयुष यादव, सूबेदार भूप सिंह व नायक बीवी रामन्ना शहीद हो गए।

-------------------

ऋषि ने अकेले ही मार गिराया दोनों आतंकियों को :

सैन्य शिविर में घुसे आतंकियों ने गोलियों की बौछार करते हुए आयुध भंडार की तरफ जाने का प्रयास किया। एक तरफ आफिसर मेस थी और दूसरी तरफ आयुध भंडार, तभी आतंकियों का सामना सेना में गन्नर ऋषि कुमार निवासी आरा (बिहार) से हुआ। आतंकियों को रोकने के लिए ऋषि ने अपने मोर्चे में पोजीशन लेकर उन्हें मुठभेड़ में उलझा लिया। आतंकियों ने ऋषि पर गोलियां दागी, जो उसके बुलेटप्रूफ पटके (टोपी) पर लगी और वह नीचे गिर गया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। ऋषि फिर उठा और अपनी बंदूक लेकर आतंकियों पर टूट पड़ा। उसने आयुध भंडार की तरफ बढ़ रहे दोनों आतंकियों को मार गिराया, लेकिन उसकी गोलियां खत्म हो गई। तीसरा आतंकी आयुध भंडार की तरफ भाग। इसपर ऋषि ने मरे पड़े आतंकी की ही राइफल उठाई और तीसरे आतंकी पर गोली चलाई, जिसमें आतंकी बुरी तरह जख्मी होकर भाग गया। इस दौरान ऋषि भी गंभीर रूप से घायल हो गया। ऋषि आठ साल पहले सेना में भर्ती हुए थे और 155 आर्टलरी का हिस्सा हैं। इस शिविर में करीब 1200 सैनिक थे।

---------------------

आतंकियों का लश्कर या जैश से संबंध : रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कैप्टन समेत तीन जवानों के शहीद होने की पुष्टि करते हुए बताया कि पांच घायल सैन्यकर्मियों को हेलीकाप्टर से श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में लाया गया है। उन्होंने कहा कि मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन वह पाकिस्तानी मूल के लश्कर अथवा जैश के आतंकी हो सकते हैं।

----------------------

आतंकियों की संख्या तीन :

हमले में शामिल आतंकियों की संख्या के बारे में कोई भी पक्के तौर पर नहीं बता पा रहा है। दावा किया जा रहा है कि तीन आतंकी थे, क्योंकि मुठभेड़स्थल से बरामद हथियारों में तीन एसाल्ट राइफलें हैं। एक आतंकी कभी दो एसाल्ट राइफलें इस्तेमाल नहीं करता।

------------------------

बीते सप्ताह की थी आतंकियों ने घुसपैठ : सैन्य शिविर पर हमले में लिप्त आतंकियों ने पिछले सप्ताह घुसपैठ की थी। आतंकी क्षेत्र में बीते चार दिनों से घूम रहे थे और हमले से पहले उन्होंने शिविर की पूरी रैकी की थी। खुफिया एजेंसियों ने भी कुछ दिन पहले दावा किया था कि केरन, टंगडार और मच्छल में आतंकियों के कुछ दल घुसपैठ कर चुके हैं, लेकिन सेना ने इस दावे को खारिज किया है।

---------------------

आतंकियों ने दो जगह काटी कंटीली तार : आतंकियों का मकसद पंजगाम में उड़ी ब्रिगेड हमले को दोहराना था। इन आतंकियों ने शिविर में बाहरी दीवार से आगे जंगल की तरफ लगी कंटीली तार को काटा और उसके बाद दीवार के पास लगी तार भी काटी। उन्होंने हमला भी सुबह चार बजे किया, जिस समय सैन्यकर्मी और अधिकारी ज्यादा सजग नहीं होते और उस समय शिविर में ड्यूटी की अदला-बदली होती है।

-----------------------

मारे गए आतंकियों से मिला सामान :

तीन एके-47 राइफलें, नौ एके मैगजीन, 156 कारतूस, एक चाइनीज पिस्तौल, एक यूबीजीएल और तीन यूबी ग्रेनेड, आरडीएक्स व अन्य विस्फोटकों के अलावा तीन मैट्रिक्स शीट, दो जीपीएस, एक स्मार्ट फोन व एक रेडियो सेट।

----------------------

बेहद अहम है पंजगाम शिविर :

आतंकियों के हमले का निशाना बना सैन्य शिविर उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर तैनात जवानों के लिए बहुत अहम है। कुपवाड़ा के अग्रिम इलाकों में सक्रिय सेना की नौ यूनिटों के प्रशासकीय केंद्र भी इसी शिविर में हैं। यह एलओसी से दस किलोमीटर और जिला मुख्यालय कुपवाड़ा से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

---------------------

आठ माह में उत्तरी कश्मीर में दूसरा बड़ा हमला :

वर्ष 2017 में सैन्य प्रतिष्ठान पर यह पहला बड़ा आतंकी हमला है। इस हमले में शहीद होने वाले कैप्टन आयुष सेना के दूसरे अफसर हैं जिन्होंने इस साल शहादत पाई। इससे पहले हंदवाड़ा में मेजर सतीश दाहिया भी शहीद हुए थे। वहीं बीते आठ माह में उत्तरी कश्मीर में किसी सैन्य शिविर पर यह दूसरा और राज्य में तीसरा बड़ा आतंकी हमला है। सितंबर 2016 में उड़ी ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकी हमला हुआ था। उसमें 19 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद नवंबर 2016 में आतंकियों ने नगरोटा में सैन्य मुख्यालय पर हमला किया था, जिसमें दो जवान शहीद हुए थे।

------------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.