वादी में छात्रों ने किए ¨हसक प्रदर्शन, पथराव
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी कॉलेज पूरी तरह बंद रहे, लेकिन स्कूल
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी कॉलेज पूरी तरह बंद रहे, लेकिन स्कूल खुले और पुलवामा घटना के विरोध में विभिन्न जगहों पर छात्र ¨हसक प्रदर्शन व पथराव पर उतरे आए। इन छात्रों पर काबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। उत्तेजित छात्रों ने कश्मीर को गुलाम कश्मीर से जोड़ने वाली सड़क श्रीनगर-मुजफ्फराबाद पर पट्टन के पास धरना देकर यातायात भी रोका। इस बीच, मंडलायुक्त कश्मीर बशीर अहमद खान ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 20 व 21 को भी वादी में सभी कॉलेज बंद रखने का निर्देश दिया है, जबकि तीनों विश्वविद्यालय खुले रहेंगे।
पुलवामा में डिग्री कालेज के छात्रों व सुरक्षाकर्मियों के बीच गत शनिवार को ¨हसक झड़पों में 50 से ज्यादा छात्र जख्मी हो गए थे। इस घटना के बाद से पूरी कश्मीर प्रदर्शन हो रहे हैं। बुधवार को भी पूरी वादी में सभी कॉलेज बंद रहे और जहां स्कूल खुले वहां छात्रों की सामान्य उपस्थिति तो रही, लेकिन प्रदर्शन भी हुए।
श्रीनगर शहर में नवाकदल हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने आजादी के नारे लगाते हुए जुलूस निकाला। श्रीनगर- मुजफ्फराबाद सड़क पर पट्टन में स्थानीय स्कूलों के छात्रों के अलावा पल्हालन व देलिना से भी छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर नारेबाजी करते हुए वहां आ पहुंचे। छात्रों ने यातायात रोक दिया। पुलिस को सड़क से छात्रों को हटाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। इससे वहां कुछ देर तक ¨हसक झड़पों का दौर भी चला। कंगन, बांडीपोर और अजस में भी स्कूली छात्रों ने आजादी समर्थक नारेबाजी करते हुए पुलवामा की घटना के खिलाफ जुलूस निकाला। इन छात्रों में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने वहां सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया, लेकिन पुलिस ने जल्द ही स्थिति संभाल ली।
सोपोर के बोम्मई इलाके में भी छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर जुलूस निकाला और ¨हसा पर उतर आए। छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पथराव करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। इस पर सुरक्षाबलों ने लाठियों और आंसूगैस का इस्तेमाल कर इलाके में कानून व्यवस्था बहाल की।
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चुनावी ¨हसा में मरने वालों की संख्या नौ हुई :
अस्पताल में उपचाराधीन एक घायल की बुधवार को मौत होने के साथ ही श्रीनगर संसदीय सीट के उपचुनाव के दौरान हुई ¨हसा में मरने वालों की संख्या नौ हो गई है। मृतक की पहचान 22 वर्षीय मुजफ्फर अहमद के रूप में हुई है। वह दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम के जंगलपोरा गांव का रहने वाला था और गांदरबल में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में गंभीर रूप से घायल हुआ था। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि दक्षिण कश्मीर का रहने वाला मुजफ्फर गांदरबल के बारसू गांव में हुए ¨हसक प्रदर्शनों में कैसे शामिल हो गया। पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है। इस बीच, मुजफ्फर को जब जंगलपोरा स्थित कब्रीस्तान में दफनाया गया तो वहां मौजूद लोगों ने आजादी समर्थक और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सुरक्षाबलों के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कुछ युवक ¨हसक भी हुए, लेकिन स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ी और जल्द ही सामान्य हो गई।
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