वादी में हिंसक झड़पें, पाक के झंडे लहराए
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी और उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइ
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी और उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेता बेशक शुक्रवार को नजरबंद रहे, लेकिन उनके समर्थक नमाज-ए-जुम्मा के बाद चुनाव विरोधी रैली के साथ हिंसा पर भी उतर आए। हालात काबू करने के लिए पुलिस को कई जगह बल प्रयोग भी करना पड़ा। ग्रीष्मकालीन राजधानी के डाउन-टाउन से उत्तरी कश्मीर के सोपोर तक हुई हिंसक झड़पों में छह लोग जख्मी हुए हैं। इस दौरान अलगाववादियों ने चुनाव बहिष्कार के पोस्टरों के साथ पाकिस्तानी ध्वज व आतंकी संगठनों के बैनर भी लहराए।
प्रशासन की कड़ी सुरक्षा के बीच दोपहर तक स्थिति हर जगह सामान्य रही। नमाज-ए-जुम्मा के बाद अलगाववादियों के समर्थकों ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, त्राल और हरमेन-शोपियां में चुनाव विरोधी रैली निकली। श्रीनगर में एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज के बाद बड़ी संख्या में युवकों ने चुनाव विरोधी और आजादी समर्थक नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। जुलूस में शामिल कई युवकों ने चुनाव विरोधी पोस्टर, पाकिस्तानी ध्वज व आतंकी संगठनों के बैनर उठा रखे थे। यह जुलूस जब नौहटटा चौक से आगे बढ़ने लगा तो पुलिस ने उन्हें रोका, जिस पर प्रदर्शनकारी पथराव पर उतर आए। हालात काबू करने के लिए पुलस को भी लाठियों और आंसूगैस का सहारा लेना पड़ा। कुछ ही देर में नौहट्टा, राजौरीकदल व उसके साथ सटे इलाकों में हिंसक झड़पों का दौर शुरु हो गया। इसी दौरान श्रीनगर के सौरा व आंचार में भी जुलूस निकालने का प्रयास कर रहे युवकों ने रोके जाने पर पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और उसके बाद वहां भी हिंसक झड़पों का दौर शुरू हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा।
उत्तरी कश्मीर के सोपोर में भी नमाज-ए-जुम्मा के बाद राष्ट्रविरोधी नारेबाजी कर रहे युवकों व पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़पें हुई। हालांकि पुलिस ने अधिकारिक तौर पर इन हिंसक झड़पों में किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं की है। लेकिन संबधित सूत्रों ने हिंसा में छह लोगों के जख्मी होने का दावा किया है।
उल्लेखनीय है कि श्रीनगर और अनंतनाग संसदीय सीट के उपचुनाव के तहत अगले माह नौ व 12 अप्रैल को मतदान होना है। अलगाववादी व आतंकी संगठनों ने चुनाव बहिष्कार का आह्वान करते हुए लोगों से शुक्रवार को नमाज-ए-जुम्मा के बाद चुनाव विरोधी रैलियों के आयोजन के लिए कहा था।