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हिज्ब के गढ़ में जिहादी नहीं, तैयार हो रहे फौजी

नवीन नवाज, श्रीनगर : कश्मीर के सबसे बड़े आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के गढ़ पट्टन में जिहादी नहीं

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 11:37 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 11:37 AM (IST)
हिज्ब के गढ़ में जिहादी नहीं, तैयार हो रहे फौजी
हिज्ब के गढ़ में जिहादी नहीं, तैयार हो रहे फौजी

नवीन नवाज, श्रीनगर :

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कश्मीर के सबसे बड़े आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के गढ़ पट्टन में जिहादी नहीं अब आतंक के खात्मे के लिए फौजी तैयार हो रहे हैं। आतंकवाद को लेकर सुर्खियों में रहने वाला पट्टन क्षेत्र हिज्ब संस्थापक कमांडर मास्टर अहसान डार का पैतृक कस्बा है। यहां सेना पर पथराव और आतंकियों की सक्रियता सामान्य बात है, लेकिन यह क्षेत्र अब राष्ट्र धारा में बह चला है। इसका प्रमाण पट्टन में सेना की भर्ती रैली में युवाओं की उमड़ी भारी भीड़ को देखकर मिला। यही नहीं, बीते चार दिनों से कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से भी फौजी बनकर देशसेवा करने के इच्छुक नौजवानों का यहां रेला उमड़ा हुआ है।

श्रीनगर से गुलाम कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद की तरफ जाने वाली सड़क पर स्थित पट्टन (बारामुला) मे युवा सेना की भर्ती में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं। वीरवार शाम तक साढ़े छह हजार युवक पट्टन में सेना की भर्ती रैली में भाग ले चुके थे। इन युवकों में कई ऐसे भी हैं, जो कुछ दिन पहले तक सुरक्षाबलों को देखते ही राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करते हुए पथराव शुरू कर देते थे। नाजिम अहमद ने कहा, 'हां, मैंने फौज पर पथराव किया है। यह बीते साल की बात है, जब मैं कुछ ऐसे लोगों के साथ संपर्क में था जो मुझे फौज की अच्छाई नहीं बल्कि उसकी बुराई के किस्से सुनाते थे। बाद में मैं पकड़ा गया और उसके बाद जो खुद अपनी आंखों से देखा तो जान गया कि मुझे पत्थर तो उन लोगों पर फेंकना चाहिए, जो मेरे जैसों के हाथ में पत्थर दे रहे थे।' पल्हालन का फैयाज करीब चार साल पहले सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए लश्कर कमांडर हिलाल के घर से चंद कदम की दूरी पर रहता है। उसने कहा कि बहुत से लोग यहां बेरोजगारी से बचने के लिए आए हैं। मैं बेरोजगार नहीं था और उसके बावजूद यहां आया हूं। उसने सामने उड़ी सेक्टर के पहाड़ों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुझे भी जिहाद लड़ना है, पर उन पहाड़ों पर खड़े होकर जो सरहद पार से बंदूक लेकर यहां आते हैं, यहां हम कश्मीरियों का खून बहाते हैं या फिर हमें झूठे जिहाद की तालीम देकर जिहाद के असल मायनों से दूर ले जाते हैं। रफियाबाद के मुनीर ने कहा कि कौन सा आतंकी फरमान और कौन सा हुर्रियत नेता। फौज के खिलाफ भड़काने वालों का कभी बच्चा यहां सड़क पर नहीं मरा है। मैं उन लोगों को जवाब नहीं दे सकता, लेकिन उन्हें ठेंगा दिखा सकता हूं, इसलिए यहां रोजगार के साथ अपने लोगों के एक अच्छे मुस्तकबिल की उम्मीद में भर्ती होने चला आया। अब देखें कि खुदा क्या मदद करता है।

कश्मीरी युवाओं ने दिखाया जोश :

पट्टन स्थित सेना की 10 सेक्टर आरआर के कमांडर एच नकवी ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब यहां किसी भर्ती रैली में कश्मीरी युवाओं ने जोश दिखाया हो, लेकिन बीते साल के हालात को देखते हुए हमें ऐसी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। बहुत से ऐसे लड़कें हैं जो पट्टन और बारामुला में पत्थरबाजी में लिप्त थे, वे भी भर्ती के लिए आए। अगर वह नियमों पर सही उतरते हैं तो भर्ती होंगे। फिलहाल, स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद लिखित परीक्षा भी होगी।

कश्मीरियों को बरगलाने वालों को तमाचा :

एसएसपी बारामुला इम्तियाज हुसैन मीर ने कहा कि पट्टन में भर्ती रैली में भीड़ उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो कश्मीरी बच्चों को मजहब के नाम पर बरगलाते हैं। अगर कश्मीरी नौजवान वाकई आतंकी होता, फौज या पुलिस का दुश्मन होता तो पट्टन में जुटी यह भीड़ गुलाम कश्मीर में खलबली न मचा रही होती। खलबली मचाएगी ही क्योंकि पट्टन तो हिज्ब के संस्थापक कमांडर मास्टर अहसान डर का घर जो है।

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