मसर्रत को न्यायिक हिरासत में भेजा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को वीरवार को बारामुला की अदालत ने 31 मार
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को वीरवार को बारामुला की अदालत ने 31 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वर्ष 2008 और 2010 के ¨हसक प्रदर्शनों के मुख्य सूत्रधार रहे मसर्रत को लगभग साढ़े चार साल बाद मार्च 2015 में रिहा किया गया था। रिहाई के कुछ ही दिनों बाद उन्हें राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में दोबारा गिरफ्तार किया गया था।
मुस्लिम लीग के चेयरमैन मसर्रत आलम को मंगलवार को बांडीपोर की अदालत ने जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था। बुधवार को जैसे वह बारामुला जेल से बाहर निकले पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार कर लिया। मुस्लिम लीग के प्रवक्ता ने बताया कि मसर्रत आलम को बारामुला पुलिस ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट बारामुला की अदालत में पेश किया। सीजेएम ने आलम को 31 मार्च तक न्यायिक हिरासत में रखने के निर्देश जारी किए। लीग के प्रवक्ता ने बताया कि मसर्रत को पुलिस ने बारामुला पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर नंबर: 158/2016 के तहत मामले में हिरासत में लिया है। प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने मसर्रत आलम के खिलाफ झूठा मामला बनाया है। बीते साल तो वह जेल में बंद रहे हैं और जो व्यक्ति जेल मे हो, वह कैसे बाहर किसी शहर अथवा कस्बे में किसी तरह की कानूनी अवज्ञा में शामिल हो सकता है।