आतंकियों के डर से सुरक्षाबलों पर पथराव कर रहे कश्मीरी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत द्वारा कश्मीर में आतंक रोधी अभियानों में बाधा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत द्वारा कश्मीर में आतंक रोधी अभियानों में बाधा डालने वाले लोगों को कड़ी चेतावनी देने के अगले दिन वीरवार को सीआरपीएफ ने दावा किया कि कश्मीरी दिल से नहीं बल्कि डर से मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों पर पथराव करते हैं। लोगों को डर रहता है कि मुठभेड़ में किसी आतंकी के मारे जाने पर उसके साथी बाद में आकर उन्हें (ग्रामीणों) मार डालेंगे।
कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाने वाले आइजी सीआरपीएफ (ऑपरेशन) जुल्फिकार हसन ने कहा कि आम लोगों का तमाम चेतावनियों को अनसुना कर मुठभेड़ स्थल पर जमा होकर सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करना गंभीर चिंता का विषय है। सुरक्षाकर्मी ऐसी स्थिति में किसी भी नागरिक क्षति से बचने के लिए यथासंभव अत्याधिक संयम का परिचय दे रहे हैं। आम लोगों को भी सहयोग करना चाहिए। उन्हें आतंकियों के दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में आतंकरोधी अभियानों के दौरान सुरक्षाबलों को जनक्षति झेलनी पड़ी है। लोग सुरक्षाबलों पर पथराव करने लगते हैं, ताकि आतंकियों को भगाया जा सके। सुरक्षाकर्मी संयम बरतने को मजबूर हो जाते हैं और उन्हें नुकसान उठाना पड़ता। आतंकी भी बच निकलते हैं। आइजी सीआरपीएफ ने कहा कि यह स्थिति पूरे कश्मीर में नहीं है। सिर्फ आतंकियों के प्रभाव वाले कुछ ग्रामीण इलाकों तक सीमित है।
उल्लेखनीय है कि गत मंगलवार को बांडीपोर के हाजिन में ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया था, जिससे वहां छिपे आतंकियों को बच निकलने का मौका मिला। हालांकि एक आतंकी मारा गया था, जबकि उसके तीन साथी सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड व गोलियां बरसते हुए भाग निकले। इस दौरान तीन सैन्यकर्मी शहीद व एक मेजर और सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन चीता समेत 10 सुरक्षाकर्मी जख्मी हो गए थे।
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