अब लौट चलें फिर बहार की ओर
नवीन नवाज, श्रीनगर आ, अब लौट चलें फिर बहार की ओर। इस मूलमंत्र के साथ सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर घाटी
नवीन नवाज, श्रीनगर
आ, अब लौट चलें फिर बहार की ओर। इस मूलमंत्र के साथ सुरक्षा एजेंसियां कश्मीर घाटी को वर्ष 2017 में पूरी आतंकवाद मुक्त रखने के अपने लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करेंगी। इस प्रयास में स्थानीय आतंकियों को जहा आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करते हुए मुख्यधारा में लाने पर जोर रहेगा, वहीं विदेशी जिहादियों को भी यथासंभव जिंदा पकड़, उनके जरिए स्थानीय युवाओं को जिहाद की आड़ में जारी पाकिस्तान की नापाक साजिशों से अवगत कराया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर राज्य सरकार के साथ मिलकर वादी में आतंक के खात्मे की रणनीति तैयार की है। इसमें राज्य पुलिस की भूमिका अग्रणी रहेगी।
उन्होंने बताया कि यह रणनीति वादी में वर्ष 2016 में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पत्थरबाजी में लिप्त पकड़े गए युवकों से हुई पूछताछ के विश्लेषण और स्थानीय युवकों की आतंकी संगठनों में बढ़ती भर्ती को देखते हुए बनाई गई है।
नई रणनीति के तहत पूरी वादी में विभिन्न माध्यमों से युवाओं में जिहादी तत्वों के खिलाफ जागरूकता पैदा की जाएगी। मजहबी संगठनों व उलेमाओं से भी मदद लीजाएगी और उनके जरिए युवाओं को जिहाद के मायने, हिंसा व खून खराबे से इस्लाम को होने वाले नुकसान के बारे में समझाया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि आतंकी बने स्थानीय युवकों को वापस लाने के लिए मौज छय नाद दिवान (मां बुला रही है), का अभियान भी चलाया जाएगा। इसके तहत कश्मीरी भाषा में जिहाद और आतंकवाद के खिलाफ गाने प्रचारित करते हुए उन मांओं का भी जिक्र किया जाएगा जो अपने बेटों का गम झेल रही हैं।
इसके साथ ही आतंकी बने स्थानीय युवकों को सरेंडर के लिए मनाने का प्रयास करते हुए उनके परिजनों, दोस्तों, अध्यापकों की मदद भी ली जाएगी। अगर किसी जगह मुठभेड़ में स्थानीय आतंकी फंसे होंगे तो उन्हें सरेंडर के लिए मनाने का हर संभव प्रयास करते हुए उनके परिजनों से भी अपील कराई जाएगी। विदेशी आतंकियों को हालांकि किसी तरह की माफी नहीं होगी, लेकिन उन्हें भी यथासंभव जिंदा पकड़ कर, उनके जरिए लोगों को पाकिस्तान की साजिशों से अवगत कराया जाएगा। जिहाद की हकीकत पर उनके वीडियो भी वायरल किए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि इस रणनीति के तहत किसी भी जगह आतंकरोधी अभियानों में कमी नहीं लाई जाएगी और न सुरक्षा से कोई समझौता होगा। अलबत्ता, प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ अभियान चलाए जाएंगे। मुख्यधारा में लौटने वाले युवकों को काउंसलिंग प्रदान करने के अलावा उन्हें सम्मानजनक आजीविका कमाने के लिए विभिन्न प्रकार के हुनर सिखाने के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उनकी योग्यता अनुरूप रोजगार के अवसर भी प्रदान करने का प्रस्ताव है।