जेलों में बंद युवकों की रिहाई के लिए आएं आगे
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने रविवार को विभिन्न मानवाधिकारवादी और समाजसेवी संगठनों से कश्मीर की आजादी के लिए जेलों में बंद युवकों की रिहाई के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आग्रह किया। साथ ही हुर्रियत नेताओं व कार्यकर्ताओं से आम लोगों के साथ लगातार संपर्क और संवाद बना उन्हें भारतीय एजेंटों की तहरीक विरोधी साजिशों से सावधान करने के निर्देश भी दिए।
कट्टरपंथी गिलानी ने यह निर्देश रविवार को अपने निवास पर लगभग सात माह बाद हुई हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट की मजलिस-ए-शूरा की पहली बैठक में जारी किए। यह बैठक वर्ष 2016 में कश्मीर में आतंकी बुरहान की मौत के बाद पैदा हुए हालात की समीक्षा व आगे की देश विरोधी रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई थी।
बैठक में हुर्रियत महासचिव शब्बीर शाह अपनी नजरबंदी के चलते शामिल नहीं हो पाए, लेकिन अन्य सभी घटक दलों के नेता मौजूद रहे। कश्मीर में देश विरोधी एजेंडे पर सभी साथियों की राय लेने और बीते सात माह के दौरान के हालात पर चर्चा के बाद गिलानी ने कहा कि वर्ष 2016 में कश्मीर में सिलसिलेवार बंद के जरिए कश्मीरियों ने नई दिल्ली समेत पूरी दुनिया को बताया है कि वह भारत के कब्जे में नहीं रहेंगे। वह आजादी के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर कीमत देने को तैयार हैं। भारत अपनी फौजी ताकत से कश्मीरियों को नहीं दबा सकता।
गिलानी ने कहा कि नई दिल्ली को एक दिन हकीकत को स्वीकार कर कश्मीरियों को उनका हक देना ही होगा। दुनिया के हालात हमेशा एक जैसे नहीं रहते हैं और जिस तरह से आज ग्रेट ब्रिटेन व सोवियत संघ जैसे नाम केवल इतिहास बन गए हैं, उसी तरह से भारत को भी दिन देखने पड़ेंगे। सिर्फ कश्मीर ही उसकी चंगुल से मुक्त नहीं होगा, बल्कि भारत के अंदर कई अन्य लोग भी उठ खड़े होंगे।
हुर्रियत चेयरमैन ने इस मौके पर लोगों से कहा कि जिस तरह से उन्होंने 2016 में भारत के खिलाफ संघर्ष में एकता का परिचय दिया है, उसी तरह वह आगे भी भारत के खिलाफ आंदोलन में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी एक छोटी सी कोताही हमें हमारी आजादी की मंजिल से दूर ले जाता है। हम सभी को ¨हदुस्तान की साजिशों से सावधान रहते हुए अपने शहीदों की कुर्बानियों को किसी भी सूरत में जाया नहीं होने देना है।