लखवी का भतीजा अबु मारा गया
नवीन नवाज, श्रीनगर मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी के भतीजे अबु मुसैब उर्फ म
नवीन नवाज, श्रीनगर
मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी के भतीजे अबु मुसैब उर्फ मूसा को वीरवार को सुरक्षाबलों ने बांडीपोर में हुई भीषण मुठभेड़ में मार गिराया। इस दौरान राज्य पुलिस का एक जवान विकास शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गया। गौरतलब है कि लखवी का बेटा कासिम उर्फ बासी भी कश्मीर में सक्रिय रहा था। वह भी बांडीपोर में ही मारा गया था। वहीं लखवी के भतीजे को बचाने के लिए आतंकियों के स्थानीय समर्थकों ने सुरक्षाबलों की घेराबंदी का विरोध कर पथराव किया। पुलिस को ¨हसक भीड़ पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। सुरक्षाबलों ने अपने अभियान को मूसा के मारे जाने तक जारी रखा। बीते तीन साल से कश्मीर में सक्रिय लखवी का भतीजा मुसैब बांडीपोर, हाजिन, गांदरबल और सोपोर के लिए लश्कर का डिवीजनल कमांडर था। वह इस साल जनवरी की शुरुआत में बांडीपोर से श्रीनगर से सटे हारवन में जाने की फिराक में था, लेकिन सफल नहीं हो पा रहा था। मुसैब अपने चार साथियों संग हाजिन के पर्रे मुहल्ला में साथियों संग लगातार ठिकाने बदलकर रह रहा था। दस जनवरी को बच निकला था। उसका एक साथी मारा गया था। सुबह एसओजी और सेना की आरआर के संयुक्त कार्यदल ने उसके असली ठिकाने का पता लगा लिया। उन्होंने उसी समय उसके ठिकाने की घेराबंदी शु़रु की और सुबह छह बजे मुठभेड़ शुरु हो गई जो मुसैब के मारे जाने के साथ ही समाप्त हो गई। एसओजी का एक जवान विकास शर्मा गोली लगने से जख्मी हो गया। गोली उसके सीने के बाएं तरफ लगी है। संबंधित सुरक्षा एजेंसियां मुसैब की मौत को बड़ी कामयाबी बता रही हैं। उसके मारे जाने से लश्कर के नेतृत्व और कैडर दोनों का मनोबल गिरेगा। राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान में बैठे लश्कर के किसी बड़े कमांडर के किसी परिजन की बीते दस वर्षो में कश्मीर में सुरक्षाबलों के हाथों यह दूसरी मौत है। इसे संयोग ही कहा जाएगा कि मरने वाले दोनों आतंकी मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी के परिवार के सदस्य थे। लखवी का बेटा मुहम्मद कासिम उर्फ बासी 2006 में कश्मीर आया था। वह भी बांडीपोर में सक्रिय था। वह लश्कर के डिवीजनल कमांडर अबु वाफा के साथ पांच अक्टूबर 2007 को गामरु-बांडीपोर में सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया था। मुठभेड़ में सेना एक जेसीओ शहीद हो गया था। कासिम 15 माह तक कश्मीर में सक्रिय्र था। दस साल बाद सुबह मारा गया उसका चचेरा भाई मुसैब तीन साल तक सक्रिय रहा है।