Move to Jagran APP

बंद के बावजूद फीस लेने की दायर याचिका रद की

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य हाईकोर्ट ने कश्मीर ¨हसा के दौरान निजी स्कूल बंद रहने के बावजूद बच्चों

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 01:55 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 01:55 AM (IST)
बंद के बावजूद फीस लेने की दायर याचिका रद की

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य हाईकोर्ट ने कश्मीर ¨हसा के दौरान निजी स्कूल बंद रहने के बावजूद बच्चों से फीस लेने के खिलाफ दायर याचिका को रद कर दिया है। जस्टिस अली मुहम्मद मागरे ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आम लोगों के लिए राहत के लिए जो आधार बताए हैं, वह आधार नहीं बन सकते और याचिकाकर्ता खुद वकील है। उसका भी इस मामले में अपना निजी हित है। इसलिए यह जनहित याचिका भी नहीं है। जस्टिल अली मुहम्मद मागरे ने उत्तरांचल बनाम बलवंत सिंह मामले का उल्लेख भी किया। इसमें उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के संदर्भ में कुछ निर्देश दिए थे। इनके मुताबिक, जनहित याचिका को स्वीकारने से पहले अदालत यह जरूर देखे कि उसका मकसद आम लोगों की मदद ही हो और जो भी बात हो पूरी तरह निष्पक्ष व न्यायसंगत हो। इसके साथ यह भी देखा जाए कि जनहित याचिका की आड़ में किसी का निजी फायदा या कोई दुराग्रह न हो। अदालतें यकीनी बनाएं कि स्वार्थ और दुराग्रह के चलते जनहित याचिकाएं दायर न हों। ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए। फीस वसूली से जुडे़ मामले में याचिका दायर करने वाले शौकत हुसैन ठाकुर खुद उच्च न्यायालय में वकील हैं, ने गत नवंबर में याचिका दायर करते हुए कहा कि था कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष द्वारा वादी में जुलाई 2016 से अब तक के समय की छात्रों से फीस वसूली के एलान को रद किया जाए। उसके पास ऐसा फैसला लेने का अधिकार नहीं है। उसके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि निजी स्कूलों के अध्यापकों के वेतन को तय करने के लिए गठित पे फिक्सेशन कमेटी के चेयरमैन को निर्देश दिया जाए ताकि वह अलगाववादियेां के प्रायोजित बंद के दौरान बंद रहे निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फीस वसूलने के संदर्भ में कार्रवाई करें। जस्टिस अली मोहम्मद मागरे ने एडवोकेट ठाकुर की दलीलों को सुनने और प्रतिवादियों की वकील शहाना दुर्रानी का पक्ष सुनने के बाद कहा कि याचिकाकर्ता अपने दावे को साबित करने में असमर्थ रहे हैं। यह याचिका जनहित याचिका के मानदंडो पर पूरी नहीं उतरती। याचिका दायर करने वाले के खुद भी इस मामले में निजी हित हैं, इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.