स्कूल, ट्रक व रिक्शा फूंका, बैंक पर छिड़का पेट्रोल
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अलगाववादियों के यौम-ए-स्याह (ब्लैक-डे) के आह्वान को लोगों द्वारा ठेंगा दिखाए
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : अलगाववादियों के यौम-ए-स्याह (ब्लैक-डे) के आह्वान को लोगों द्वारा ठेंगा दिखाए जाने और बंद के घटते असर से हताश तत्वों ने वीरवार को एक स्कूल, आटो रिक्शा व ट्रक को जला दिया। इसके अलावा अलगाववादी समर्थकों ने जबरन बंद कराने के लिए पांपोर में जेके बैंक के गेट पर पेट्रोल छिड़का और सोपोर में रेहड़ी-फड़ी वालों पर पेट्रोल बम से हमला किया। जबरन बंद करा रही भीड़ और पुलिस के बीच ¨हसक झड़पें भी हुई, जिनमें सात लोग जख्मी हो गए। इस बीच, लगातार 111वें दिन भी वादी में बंद से ठप रहे सामान्य जनजीवन के दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन राजधानी के डाउन-टाउन में निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू रखा।
अलगाववादी खेमे ने वीरवार को पूरे कश्मीर में यौम-ए-स्याह मनाने का आह्वान करते हुए विधानमंडल परिसर की तरफ मार्च के लिए कहा था। आतंकी संगठनों ने भी लोगों को भड़काते हुए कहा था कि 27 अक्तूबर 1947 को भारतीय फौज कश्मीर में दाखिल हुई थी, इसलिए यह कश्मीरियों के लिए एक काला दिन है।
प्रशासन ने अलगाववादियों के मंसूबों को भांपते हुए सिर्फ श्रीनगर के डाउन-टाउन के पांच थाना क्षेत्रों के अलावा शालीमार इलाके में ही निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू किया था। अन्य किसी तरह की पाबंदी नहीं थी, लेकिन अलगाववादियों के बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान व शिक्षण संस्थान अन्य दिनों की भांति बंद रहे, लेकिन सड़कों पर निजी वाहनों और रेहड़ी-फड़ी वालों की भीड़ बंद के घटते असर की कहानी सुना रही थी।
श्रीनगर में जहां अलगाववादियों ने विधानमंडल परिसर के मार्च का आह्वान किया था, किसी भी इलाके से जुलूस नहीं निकला। शालीमार में जुलूस निकला, लेकिन वह शिया मातमियों का था। यौम-ए-स्याह का असर कहीं नजर नहीं आया। इसे अलगाववादियों के समर्थक हताश हो गए और उनहोंने विभिन्न इलाकों में आम लोगों से मारपीट शुरू कर दी।
ग्रीष्मकालीन राजधानी के सैदाकदल में उन्होंने एक आटो रिक्शा के अलावा परींपोरा फ्रूटमंडी में एक कबाड़ बन चुके ट्रक को आग लगाने के अलावा सात अन्य वाहनों को तोड़ते हुए उनके चालकों को भी पीटा। इसके अलावा उन्होंने कई रेहड़ी-फड़ी वालों के साथ भी मारपीट की। उधर, सोपोर में बंद समर्थकों ने रेहड़ी वालों पर पेट्रोल बम से हमला किया। इसमें रेहड़ी पर बेचने के लिए रखे कपड़े जल गए। बारामुला में एक स्कूल को जला दिया गया।
इसी दौरान पांपोर के नमलाबल में स्थित जम्मू-कश्मीर बैंक की स्थानीय शाखा के गेट पर बंद समर्थकों ने पेट्रोल छिड़का। इसके अलावा बैंक परिसर के बाहर धमकी भरे पोस्टर भी थे, जिन पर बैंक न खोलने की ताकीद की गई थी। लश्कर ने गत रोज बैंक प्रबंधकों को बंद का उल्लंघन करने पर गंभीर परिणामों की धमकी भी जारी की है। पुलिस ने जब शरारती तत्वों पर कार्रवाई की तो ¨हसक झड़पें शुरू हो गईं। पुलिस को भी इस पर बल प्रयोग करना पड़ा।
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