केंद्रीय दल ने लिया सुरक्षा हालात का जायजा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में लगातार बढ़ती आतंकी ¨हसा और पांपोर हमले से पैदा हुए हालात का जायजा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में लगातार बढ़ती आतंकी ¨हसा और पांपोर हमले से पैदा हुए हालात का जायजा लेने आए तीन सदस्यीय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्य पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सेना व खुफिया एजेंसियों के साथ एक मैराथन बैठक में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की।
बैठक में आतंकियों के खिलाफ साझा रणनीति के तहत सुनियोजित अभियान चलाते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों में व्यापक तालमेल, सूचनाओं के आदान-प्रदान, विभिन्न इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती, आरओपी व सुरक्षाबलों के काफिलों के एसओपी पर चर्चा करते हुए अलगाववादियों की मौजूदा सियासत व श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए किए गए सुरक्षा प्रबंधों पर भी बात हुई।
केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय गृहमंत्रालय में सीमा प्रबंधन सचिव सुशील कुमार, आंतरिक सुरक्षा विशेष सचिव महेश कुमार सिंगला और कश्मीर मामलों के संयुक्त सचिव ज्ञानेश कुमार शामिल हैं।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल और सीआरपीएफ महानिदेशक दुर्गा प्रसाद ने गत रोज पांपोर में घटनास्थल का जायजा लिया था। वीरवार सुबह फिर सुरक्षा विशेषज्ञों ने पांपोर में उस जगह का दौरा किया जहां गत दिनों आतंकियों ने हमला किया था। इसके बाद शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में राज्य के सुरक्षा परिदृश्य पर एक बैठक हुई। इसमें राज्य पुलिस महानिदेशक समेत राज्य पुलिस के सभी आलाधिकारी, बीएसएफ के आइजीपी, सीआरपीएफ के महानिदेशक, कश्मीर में तैनात आईजीपी व डीआइजी रैंक के सभी अधिकारी और सभी केंद्रीय व राज्य खुफिया एजेंसियों के आलाधिकारी शामिल हुए। बैठक में राज्य विशेषकर कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात, विभिन्न इलाकों में सक्रिय आतंकियों व उनके नेटवर्क पर संबंधित अधिकारियों ने एक प्रिजेंटेशन देते हुए उनके खिलाफ अपनाई जा रही रणनीति पर चर्चा की। हालांकि अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन बैठक में सीआरपीएफ द्वारा एसओपी का पालन न करने और पुलिस द्वारा कथित तौर पर जारी अलर्ट की उपेक्षा पर भी बात हुई है। इस दौरान राज्य में अर्धसैनिकबलों की संख्या बढ़ाने, महत्वपूर्ण और संवेदनशील मार्गाें पर आरओपी का जिम्मा सेना व बीएसएफ को दिए जाने, अर्धसैनिक बलों की संख्या बढ़ाने, आतंकियों व अलगाववादियों के वित्तीय नेटवर्क व ओवरग्राउंड नेटवर्क को भंग करने के अलावा श्री अमरनाथ की दो जुलाई को शुरू हो रही वार्षिक तीर्थयात्रा की सुरक्षा तैयारियों से लेकर अलगाववादियों की सियासत से जुड़ मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
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