पहले चरण में 71 प्रतिशत मतदान
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकी धमकियों, अलगाववादियों का चुनाव बहिष्कार और बाढ़ की मार को दरकिनार करते
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकी धमकियों, अलगाववादियों का चुनाव बहिष्कार और बाढ़ की मार को दरकिनार करते हुए राज्य में मंगलवार को पहले चरण की 15 विधानसभा सीटों पर 71 फीसद मतदान हुआ। मतदाताओं ने बेहतर भविष्य, रोजगार, बिजली-पानी और विकास के लिए कड़ाके की ठंड के बावजूद पूरे जोश के साथ मतदान प्रक्रिया में भाग लिया। कुछ जगहों पर छिटपुट हिंसा को छोड़ दें तो पहले चरण का मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। इसी के साथ सात मंत्रियों समेत 123 उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य भी वोटिंग मशीन में बंद हो गया है। अब दूसरे चरण का मतदान दो दिसंबर को होगा।
राज्य विधानसभा की 87 सीटों के लिए पांच चरणों में होने वाले मतदान के पहले चरण के तहत मंगलवार को सात जिलों की पंद्रह विधानसभा सीटों गुरेज, बांडीपोर, सोनावारी-हाजन, कंगन, गांदरबल, रामबन, बनिहाल, डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़, इंद्रवाल, करगिल, जंस्कार, नोब्रा और लेह के लिए वोट डाले गए। सबसे ज्यादा मतदान गुरेज में 77.15 प्रतिशत और सबसे कम गांदरबल में 52.97 प्रतिशत हुआ।
सुबह मतदान शुरू होते ही मतदान केंद्रों के बाहर भीड़ जुटने लगी थी। ठंड भी खूब थी, लेकिन वोट डालने के जोश की गर्मी ने मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचा दिया। हालांकि शुरू के दो घंटों में मतदान धीमा रहा, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मतदान का प्रतिशत भी बढ़ गया। बांडीपोर हायर सेकंडरी स्कूल के मतदान केंद्र में सुबह नौ बजे तक एक हजार मतदाताओं में से सिर्फ आठ ही वोट पड़े, लेकिन 11 बजे तक उनकी संख्या 400 का आंकड़ा पार कर चुकी थी। यही हाल गुरेज के दावर इलाके में था, वहां एक मतदान केंद्र में सुबह दस बजे तक 50 वोट पड़े थे, लेकिन दोपहर तक 400 वोटों में से 300 वोट पड़ चुके थे।
गांदरबल के बीहामा में दोपहर तक मात्र 199 वोट ही पड़े थे, जबकि मतदान समाप्त होने तक 1400 वोट हो चुके थे। शादीपोरा में मतदान शुरू होने के पहले चार घंटे में 1496 मतदाताओं में से 240 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, लेकिन दोपहर दो बजे तक वोट डालने वालों की संख्या 970 हो गई थी।
इस दौरान बांडीपोर के नौपुरा में और सोनावारी के नादखेई में मतदाताओं को डराने के लिए शरारती तत्वों ने मतदान केंद्रों की तरफ ग्रेनेड फेंके, लेकिन दूर गिरकर फटे। इससे कुछ देर के लिए सनसनी तो फैली, लेकिन जल्द ही स्थिति शांत हो गई।
लेह में भी ठंड के बावजूद मतदान के जोश में कहीं कोई कमी नहीं आई। चोगलमसर में सुबह दस बजे 12 वोट पड़े थे, लेकिन शाम तक 1600 लोग मतदान कर चुके थे। जंस्कार में भी शाम तक मतदान 71 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर चुका था। इसी तरह किश्तवाड़, रामबन, बनिहाल, डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़ में भी खूब मतदान हुआ।
बढ़ सकता है मतदान प्रतिशत :
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमंग नरूला ने बताया कि पहले चरण में 15 सीटों पर 70 प्रतिशत मतदान हुआ है। कुछ मतदान केंद्रों में लोग सूर्यास्त के बाद भी खड़े थे। इसलिए हमें मतदान का प्रतिशत बढ़ने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने आतंकियों के ग्रेनेड हमले से इन्कार करते हुए कहा कि अगर इक्का दुक्का हिंसक घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो मतदान पूरी तरह शांत रहा है। किसी जगह कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि इन सीटों पर 1051642 मतदाताओं के लिए 1606 स्थानों पर 1787 मतदान केंद्र बनाए गए थे। गुरेज, किश्तवाड़, लेह, जंस्कार व कारगिल में विभिन्न मतदान केंद्रों तक मतदान सामग्री व स्टाफ पहुंचाने के लिए एमआई 17 हेलीकॉप्टर की 31 और छोटे हेलीकॉप्टर की 12 उड़ानों का सहारा लिया गया।
कहां-कहां हुई हिंसा : मतदान के दौरान बांडीपोर में दो ग्रेनेड हमले हुए, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। इस दौरान सोनावारी, गांदरबल, कंगन में नेकां और पीडीपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें भी हुईं। बारसू में भी राजनीतिक कार्यकर्ता आपस में भिड़े। इन झड़पों में चार लोगों के जख्मी होने की सूचना है। तुलमुला, गुंड, कुलान, गनीवन और कुरहामा में कुछ देर के लिए चुनाव अधिकारियों को सियासी कार्यकर्ताओं के हंगामों व आरोप-प्रत्यारोप के बीच मतदान भी रोकना पड़ा, लेकिन चंद मिनटों बाद स्थित सामान्य हो गई।
इन मंत्रियों का भाग्य ईवीएम में बंद : उच्च शिक्षा मंत्री मुहम्मद अकबर लोन, पशुपालन मंत्री नजीर अहमद गुरेजी, शहरी विकास मंत्री नवांग रिग्जिन जोरा, बिजली राज्यमंत्री विकार अहमद रसूल, गृह राज्यमंत्री सज्जाद अहमद किचलू, आरएंडबी मंत्री अब्दुल मजीद वानी।
बाढ़ के कहर का असर नहीं : कश्मीर में सितंबर माह में आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों में भी खूब मतदान हुआ। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहे सोनवारी में 80 प्रतिशत से अधिक, गांदरबल में 52 फीसद से ज्यादा, कंगन में 76 प्रतिशत से अधिक तथा बांडीपोर में 70 फीसद वोट पड़े।
आतंकवाद का असर नहीं : कश्मीर में आतंक प्रभावित क्षेत्र बांडीपोर, कंगन, गुरेज, सोनावारी में भी खूब मतदान हुआ। इसके अलावा जम्मू संभाग के कभी आतंकवाद से प्रभावित रहे बनिहाल, डोडा, किश्तवाड़ में भी काफी मतदान हुआ।
ठंड का असर नहीं : लेह में अधिकतर तापमान नौ डिग्री और कारगिल में 7.2 डिग्री सेल्सियस में भी लोगों ने मतदान में खूब उत्साह दिखाया। लेह में 66 और कारगिल में 57 से अधिक वोट पड़े। इसके अलावा कश्मीर में भी दिन का औसत तापमान 12 डिग्री के बीच रहा। कश्मीर में भी सभी मतदान केंद्रों में खूब भीड़ जुटी रही।
कहां कितना मतदान
विधानसभा क्षेत्र वर्ष 2008 2014
गुरेज : 74.02 77.15
बांडीपोरा: 57.07 70.00
सोनावारी: 59.95 80.10
कंगन: 59.55 76.83
गांदरबल: 51.77 52.97
नोबरा: 71.26 75.60
लेह: 61.04 66.00
कारगिल: 75.06 57.82
जंसकार: 72.27 71.07
किश्तवाड़: 74.46 68.80
इंद्रवल: 72.73 72.50
डोडा: 73.04 79.6
भद्रवाह: 65.29 71.8
रामबन: 64.55 68.00
बनिहाल: 67.59 70.00