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विधानसभा का अंतिम सत्र आज से शुरू

By Edited By: Published: Mon, 25 Aug 2014 01:55 AM (IST)Updated: Mon, 25 Aug 2014 01:14 AM (IST)
विधानसभा का अंतिम सत्र आज से शुरू

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राज्य की 11वीं विधानसभा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली मौजूदा गठबंधन सरकार का 12वां और अंतिम सत्र सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हो रहा है। सत्र के दौरान सरकार ने जहां अपनी उपलब्धियों को गिनाने की तैयारी की है, वहीं विपक्ष ने उसे उसकी लोक लुभावन घोषणाओं के लिए सदन में आड़े हाथ लेने की रणनीति बनाई है।

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विदित हो कि जम्मू-कश्मीर में राज्य विधानसभा का कार्यकाल छह साल को होता है। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अपने शासनकाल में हर साल दो बार ही सत्र बुलाया गया है।

सोमवार से शुरू हो रहे छह दिवसीय मानसून सत्र के दौरान नागरिक सचिवालय और राज्य विधानमंडल के आसपास ही नहीं परिसर के भीतर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। पुलिस और सीआरपीएफ के जवान मिलकर सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे तो नियंत्रण कक्ष में सुरक्षाकर्मियों की एक टीम सीसीटीवी के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखेगी। अलबत्ता, सत्र की शुरुआत गत छह माह के दौरान इस दुनिया से कूच करने वाले राज्य विधानमंडल के सदस्यों को श्रद्धांजलि के साथ होगी। इनमें स्व. चौ. मुहम्मद असलम खान का नाम भी शामिल है।

हालांकि पहले दिन दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सदन की कार्यवाही सामान्य तौर पर अगले दिन के लिए स्थगित होने की परंपरा है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने जा रहा है।

विधानसभा सचिव मुहम्मद रमजान के अनुसार, मौजूदा विधानसभा का अंतिम सत्र और मात्र छह दिन की कार्यवाही को देखते हुए स्पीकर मुबारक गुल ने इस बार शोक प्रस्ताव के बाद प्रश्नकाल की कार्यवाही को भी पहले दिन शामिल किया है।

अंतिम सत्र के दौरान सरकार से छह साल का हिसाब लेने की तैयारी के साथ सदन में आने का दावा करते हुए पीडीपी के विधायक निजामदीन बट ने कहा कि सरकार ने जानबूझकर यह सत्र छोटा रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले साढ़े पांच साल कुछ नहीं किया और अब जाते हुए राज्य में अपनी लोक लुभावन घोषणाओं के जरिए अराजकता का माहौल पैदा कर रही है। उसने राज्य को माली तौर पर कंगाल बना दिया है। हम सत्र में सरकार से पूरा हिसाब लेंगे और उसकी कोताहियों व जनविरोधी नीतियों के लिए लोकतंत्र की मर्यादा के अनुरूप ही सबक सिखाएंगे।

भाजपा नेता अशोक खजूरिया ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने जम्मू के लोगों के साथ जो पक्षपात किया है, सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा दिया है। पिछले छह माह के दौरान इस सरकार ने सिर्फ सियासी आधार पर ही विकास योजनाओं को लागू किया है। राज्य के सभी हिस्सों के साथ न्याय के लिए हम सदन में आवाज उठाएंगे। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना भी हमारा एक मुद्दा रहेगा।

पैंथर्स विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया ने कहा कि यह सरकार सत्र में ही नजर आती है, इसलिए अगले छह दिनों में हम इससे पिछले छह साल का पूरा हिसाब लेंगे। जम्मू के साथ रोजगार और विकास के क्षेत्र में भेदभाव का मुद्दा हम उठाएंगे। हम जम्मू के हक की आवाज बनकर ही सदन में जा रहे हैं।

नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव और ग्रामीण विकास मंत्री अली मुहम्मद सागर ने कहा कि सत्र के दौरान हम विपक्ष के हर आरोप का जवाब देने के लिए तैयार हैं। सरकार ने बीते छह साल में विकास का जो दौर शुरू किया है, हमने यहां लोगों को एक ईमानदार और पारदर्शी सरकार देने का पूरा प्रयास किया है और इसमें कामयाब भी रहे हैं। सत्र के दौरान सिर्फ खोखले नारों की सियासत नहीं होगी, वहां तो हर चीज रिकॉर्ड पर होगी। विपक्ष को अपने लिए जमीन तलाशनी होगी।


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